मण्डला। नेशनल पार्क कान्हा में साल भर जंगलों की रखवाली करने वाले हाथी इन दिनों खुद अपनी सेवा खुशामद करा रहे हैं. कान्हा नेशनल पार्क में कान्हा, किसली और मुक्की रेंज के 16 हाथी इन दिनों पार्क के कान्हा रेंज में सामूहिक रूप से पिकनिक मना रहे हैं. पिकनिक भी एक या दो दिनों का नहीं बल्कि 7 दिनों का है. पार्क प्रबंधन के मुताबिक़ इसे हाथी कैम्प का नाम दिया गया है. जबकि पार्क के इन 16 हाथियों में नर, मादा और बच्चे शामिल हैं.Elephant camp , Kanha National Park
हाथियों का रखा जाता है विशेष ध्यान:जहां सालभर की भागदौड़ और पार्क के अन्य कामों में व्यस्त रहने वाले हाथियों को साल के इन्ही दिनों में फुर्सत मिलती है, जिसका लाभ उठाकर पार्क प्रबंधन इन हाथियों की सेवा खुशामद करता है. वहीं ऐसे केम्प हाथियों की वंश वृद्धि में सहायक होते हैं. इस दौरान हाथियों कि शारीरिक साफ सफाई, मालिश, जैसी सेवा के साथ विशेष स्वास्थ्य परिक्षण और उपचार किया जाता है. हाथियों को इनका पसंदीदा आहार आम, अनानास, केला, मक्का, नारियल, गुड़ आदि खिलाया जाता है.
गश्ती के साथ पर्यटन प्रबंधन में भी होता है हाथियों का उपयोग: इस दौरान जहां नेशनल पार्क के सभी हाथी सामूहिक रूप से एक जगह निवास करते हैं. वहीं इनकी सेवा में महावत, चारा कटर, और प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी मोजूद रहते हैं. पिछले अनेक वर्षाें से कान्हा टाइगर रिजर्व में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जाता है. इनमें से कुछ हाथियों को देश के विभिन्न हाथी मेलों से क्रास कराया गया था, व कुछ हाथियों की पैदाइश राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है. प्रांरभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग वनों एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु गश्ती कार्य में किया जाता रहा है, लेकिन कालान्तर में इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जाने लगा है.(Elephant camp ) (Kanha National Park) (mandla elephants having picnic and fun)