मंडला। मंडला के रहने वाले पुरषोत्तम विश्वकर्मा लकड़ी पर भगवान गणेशजी की सुंदर प्रतिमा बनाते हैं. अपनी इस कला के कारण उन्होंने क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है. पुरषोत्तम की मेहनत और लगन के कारण उन्हें पिछले साल सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरस्कार भी मिल चुका है. सरकार की आजीविका मिशन में यह कलाकार राज्य के बाहर भी जा चुका है. पुरषोत्तम को सरकार से सहायता की दरकार है, जिससे वह अपनी कला को देश-विदेश में फैला सके.
पुरषोत्तम ने अपनी शुरुआत फर्नीचर बनाने से की थी, लेकिन मन मे कुछ अलग करने भाव ने उन्हें घर के सजावटी सामान बनाने के लिए प्रेरित किया. कुछ ही दिनों में यह कलाकार ऐसी प्रतिमा बनाने लगा जो धीरे-धीरे लोगों में चर्चा का विषय बन गई. आज पुरुषोत्तम के हुनर का लोहा सभी मानते हैं.
पुरुषोत्तम गणेशजी के अलग-अलग नामों को लकड़ी पर उकेरते हैं, इसके बाद इन भगवान गणेश के इन नामों को ऐसा संजोते हैं कि नामों से ही गणेश जी का श्रंगार हो जाता है. पुरषोत्तम गणेशजी के अलावा लकड़ी पर बने अक्षरों के माध्यम से ही शंकर,दुर्गा और हनुमानजी की प्रतिमा भी बनाते है. जिसमें उनकी कल्पना और कला का अद्भुत प्रदर्शन होता है.
लगभग दो दशक से पुरषोत्तम अपनी कला के जरिये लोगों का दिल जीत रहे हैं. वहीं अब वे ज्यादातर गणेश जी की ही कलाकृतियों को अलग-अलग तरह से बनाते हैं, जो जिला पंचायत के कला दीर्घा के माध्यम से पसन्द करने वालों को उपलब्ध होती हैं.