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अंतर्राज्यीय पशु मेले में बड़ी संख्या में पहुंच रहे व्यापारी, होलिका दहन तक चलता है मेला

मंडला में मचलेश्वर मेला हर साल शिवरात्रि से होलिका दहन तक चलता है. जिसमें मवेशी बेचे और खरीदे जाते हैं.

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Published : Mar 5, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 8:27 PM IST

animal fair held in Mandla
अंतर्राज्यीय पशु मेले में बड़ी संख्या में पहुंच रहे व्यापारी

मंडला। जिले का मचलेश्वर मेला हर साल शिवरात्रि से होलिका दहन तक हिरदेनगर में लगता है. जो प्रदेश का सबसे बड़ा पशु मेला है. यहां हजारों की संख्या में व्यापारी और खरीदार लाखों की संख्या में मवेशी बेचे और खरीदे जाते हैं. वहीं मेले में दूसरे सामानों की भी खरीदी बिक्री होती है.

अंतर्राज्यीय पशु मेले में बड़ी संख्या में पहुंच रहे व्यापारी

प्रदेश के सबसे बड़े मचलेश्वर मेले में अब भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है. सैकड़ों सालों से लग रहे इस मेले में पूरे प्रदेश के साथ ही दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में व्यापारी अपने पशुओं को बेचने लाते हैं. जिनमे कृषि के साथ ही दुधारू पशु शामिल होते हैं. पंडित मचल प्रसाद मिश्र के द्वारा करीब सौ साल पहले शुरू किया गया यह मेला आज भी मवेशियों को खरीदने बेचने वालों को आकर्षित करता है. जिसकी शुरुआत विधिवत रूप से शिवरात्रि के दिन से होती है और होलिका दहन के दिन इसका समापन होता है.

मेले की व्यवस्था जनपद पंचायत मंडला के द्वारा सभांली जाती है. जिसमें व्यापारियों और पशुओं के लिए जगह से लेकर दुकानदारों के लिए बिजली पानी और स्वास्थ्य की सुविधाएं शामिल हैं.

मंडला। जिले का मचलेश्वर मेला हर साल शिवरात्रि से होलिका दहन तक हिरदेनगर में लगता है. जो प्रदेश का सबसे बड़ा पशु मेला है. यहां हजारों की संख्या में व्यापारी और खरीदार लाखों की संख्या में मवेशी बेचे और खरीदे जाते हैं. वहीं मेले में दूसरे सामानों की भी खरीदी बिक्री होती है.

अंतर्राज्यीय पशु मेले में बड़ी संख्या में पहुंच रहे व्यापारी

प्रदेश के सबसे बड़े मचलेश्वर मेले में अब भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है. सैकड़ों सालों से लग रहे इस मेले में पूरे प्रदेश के साथ ही दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में व्यापारी अपने पशुओं को बेचने लाते हैं. जिनमे कृषि के साथ ही दुधारू पशु शामिल होते हैं. पंडित मचल प्रसाद मिश्र के द्वारा करीब सौ साल पहले शुरू किया गया यह मेला आज भी मवेशियों को खरीदने बेचने वालों को आकर्षित करता है. जिसकी शुरुआत विधिवत रूप से शिवरात्रि के दिन से होती है और होलिका दहन के दिन इसका समापन होता है.

मेले की व्यवस्था जनपद पंचायत मंडला के द्वारा सभांली जाती है. जिसमें व्यापारियों और पशुओं के लिए जगह से लेकर दुकानदारों के लिए बिजली पानी और स्वास्थ्य की सुविधाएं शामिल हैं.

Last Updated : Mar 5, 2020, 8:27 PM IST
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