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इंदौर से नर्सिंग की ट्रेनिंग लेकर 19 छात्राएं लौटीं मंडला, नर्सों ने कहा- 56 दिन रहे दहशत भरे

नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए मंडला से 19 छात्राएं इंदौर गईं थी. 25 मार्च को इन सभी छात्राओं की ट्रेनिंग पूरी होनी थी, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण ये सभी छात्राएं वहां फंसी रह गई थी. हालांकि, प्रशासन की मदद के बाद ये छात्राएं अब अपने घर लौट आई हैं, जिनकी खुशी उनके चेहरे से साफ जाहिर हो रही है.

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इंदौर से मंडला लौटीं 19 छात्राएं
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Published : May 9, 2020, 5:04 PM IST

मंडला। जिले से 19 छात्राएं नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए इंदौर गईं थी. इसी बीच लॉकडाउन होने से वे सभी वहीं फंस गईं. देखते ही देखते कोरोना ने इंदौर में ऐसा पैर पसारा की इंदौर रेड जोन में बदल गया, जिसके बाद इन छात्राओं की जिंदगी एक कमरे में सिमट कर रह गई. लेकिन अब प्रशासन की मदद से ये छात्राएं मंडला लौट आई हैं और इन छत्राओं के घर वापस आने की खुशी उनके चेहरे पर अलग ही चमक लाए हुए है.

ये भी पढ़ें- 14 महीने की बेटी को छोड़कर ड्यूटी कर रही ये नर्स, कहा- परिवार नहीं देश है पहली प्राथमिकता

घर वापसी की खुशी क्या होती है ये देखने को तब मिली, जब 11 मार्च को मंडला केयर स्कूल ऑफ नर्सिंग की तरफ से 15 दिनों की ट्रेनिंग के लिए मनोरोग चिकित्सालय इंदौर गई हुई छात्राएं मंडला आईं. इन छात्राओं की ट्रेंनिग 25 मार्च को खत्म होने वाली थी लेकिन 20 मार्च के बाद से इनकी ट्रेनिग सस्पेंड कर दी गयी और ये श्रीनाथ गेस्ट हाउस के कमरे में सिमट कर रह गईं.

इंदौर से लौटी इन छात्राओं ने बताया कि एक कमरे में दो लड़कियां रहती थी, बाहर जाने का कोई विकल्प नहीं था. ऐसे में घर से दूर घर वालों की कमी महसूस होती थी. साथ ही रेड जोन में होने के चलते इनकी चिंता और भी बढ़ती जा रही थी और उन्हें लगने लगा था कि आखिर ये कब तक यहां कैद रहेंगी. इन सभी 19 छत्राओं ने प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि अब वो अपने जिले पहुंच कर काफी खुश हैं. वहीं तहसीलदार अनिल जैन ने बताया कि सभी छात्राओं की स्क्रीनिंग कराई गई है और इन्हें 14 दिनों तक अपने घरों में क्वारंटाइन रहना होगा.

पूरे प्रदेश के मुकाबले इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित के मामले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते इन छात्राओं ने 56 दिन जिस तरह से उस शहर में बिताए वो काफी दहशत के पल रहे, लेकिन शासन प्रशासन की मदद से इन सभी 19 छत्राओं को मंडला जिला मुख्यालय लाने के बाद उनके घर पहुंचा दिया गया है.

मंडला। जिले से 19 छात्राएं नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए इंदौर गईं थी. इसी बीच लॉकडाउन होने से वे सभी वहीं फंस गईं. देखते ही देखते कोरोना ने इंदौर में ऐसा पैर पसारा की इंदौर रेड जोन में बदल गया, जिसके बाद इन छात्राओं की जिंदगी एक कमरे में सिमट कर रह गई. लेकिन अब प्रशासन की मदद से ये छात्राएं मंडला लौट आई हैं और इन छत्राओं के घर वापस आने की खुशी उनके चेहरे पर अलग ही चमक लाए हुए है.

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घर वापसी की खुशी क्या होती है ये देखने को तब मिली, जब 11 मार्च को मंडला केयर स्कूल ऑफ नर्सिंग की तरफ से 15 दिनों की ट्रेनिंग के लिए मनोरोग चिकित्सालय इंदौर गई हुई छात्राएं मंडला आईं. इन छात्राओं की ट्रेंनिग 25 मार्च को खत्म होने वाली थी लेकिन 20 मार्च के बाद से इनकी ट्रेनिग सस्पेंड कर दी गयी और ये श्रीनाथ गेस्ट हाउस के कमरे में सिमट कर रह गईं.

इंदौर से लौटी इन छात्राओं ने बताया कि एक कमरे में दो लड़कियां रहती थी, बाहर जाने का कोई विकल्प नहीं था. ऐसे में घर से दूर घर वालों की कमी महसूस होती थी. साथ ही रेड जोन में होने के चलते इनकी चिंता और भी बढ़ती जा रही थी और उन्हें लगने लगा था कि आखिर ये कब तक यहां कैद रहेंगी. इन सभी 19 छत्राओं ने प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि अब वो अपने जिले पहुंच कर काफी खुश हैं. वहीं तहसीलदार अनिल जैन ने बताया कि सभी छात्राओं की स्क्रीनिंग कराई गई है और इन्हें 14 दिनों तक अपने घरों में क्वारंटाइन रहना होगा.

पूरे प्रदेश के मुकाबले इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित के मामले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते इन छात्राओं ने 56 दिन जिस तरह से उस शहर में बिताए वो काफी दहशत के पल रहे, लेकिन शासन प्रशासन की मदद से इन सभी 19 छत्राओं को मंडला जिला मुख्यालय लाने के बाद उनके घर पहुंचा दिया गया है.

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