खरगोन।जिले के एक शिक्षक नरेंद्र कर्मा ने जीरो शेडो डे के मौके पर इसका प्रदर्शन करके दिखाया, कि जब परछाई भी इंसान का साथ छोड़ देती है. साथ ही उन्होंने लोगों को समझाया कि, आखिर क्या होती है जीरो शेडो डे की खगोलीय घटना. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि, प्रायः माना जाता है कि, दोपहर को सूर्य सिर पर रहता है, लेकिन ऐसा नहीं है, ये कर्क और मकर रेखाओं के कारण साल में दो बार ऐसा होता है, जब परछाई भी इंसान का साथ छोड़ देती है. जैसा आज खरगोन में जीरो शेडो डे 12. 25 बजे देखने को मिला.
कब होता है जीरो शेडो डे ?
शिक्षक नरेंद्र कर्मा ने बताया कि, सूर्य मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाता है और दो जून को कर्क रेखा से फिर मकर रेखा की ओर जाता है, इस दौरान थोड़े वक्त के लिए इंसान की परछाई गायब हो जाती है. इसमें सूर्य का गमन नहीं होता. सूर्य तो अपनी जगह स्थिर होता है, लेकिन पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है, तो ऐसी स्थिति बनती है. जब कर्क रेखा पर कोई व्यक्ति खड़ा रहता है, तो सूर्य की किरणें सीधी व्यक्ति के सिर पर पड़ती हैं. उसी को जीरो शेडो डे कहते हैं.
सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन से संबंध
शिक्षक कर्मा ने बताया कि, इसका संबंध सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन से है. अभी सूर्य उत्तरायण में है. सूर्य के उत्तरायण होने से दिन बड़े होते हैं, सूर्य के दक्षिणायन होने से दिन छोटे होते हैं. जहां मकर रेखा पर गर्मी का मौसम है, तो कर्क रेखा पर शीत ऋतु है.