खरगोन। ग्रामीण मजदूरों के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना अब सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है. लॉकडाउन के बाद से रोजगार के लिए परेशान हो रहे मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है. बल्कि मजदूरों की जगह सरपंच, सचिव मशीनों से काम करवा रहे हैं. केंद्र सरकार की मनरेगा योजना अब मजदूरों के लिए नहीं बल्कि मशीन के लिए बनकर रह गई है. जिसके बाद मजदूर, सरपंच, सचिव की मनमानी को लेकर शिकायत करने कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे और ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की.
मजदूरी का काम करने वाली बसंती बाई ने गांव में सरपंच, सचिव अपनी मनमानी करके मजदूरों की वजह मशीनों से काम करते हैं. बसंती बाई ने अपनी परेशान बताते हुए कहा कि यदि हमें काम नहीं मिला तो हमारे बच्चे क्या खाएंगे.
एक और मजदूर विजय सिटोले ने बताया कि ग्राम जिरभार के सरपंच सचिव द्वारा ग्रामीणों को कार्य न देकर जेसीबी मशीन से कार्य करवाया जा रहा है. जिसकी शिकायत हमने कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों से की है . हम चाहते हैं कि मनरेगा में गरीब जरूरतमंदों को काम मिले.
सरपंच सचिव पर आरोप
खरगोन जिले के बड़वाह विकासखण्ड के जिरभार गांव के ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने संयुक्त कलेक्टर राजेन्द्र सिंह को ज्ञापन के साथ जिरभार गांव के सरपंच सचिव की शिकायत की है और कहा कि लोगों को मनरेगा में काम नहीं दे रहे हैं.