खरगोन। मध्य प्रदेश की खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल कोविड में खुल चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मनमानी लोगों के लिए कई तरह की परेशानी बन रही है. ऐसा ही मामला खरगोन से सामने आया है. खरगोन के सिविल सर्जन डॉक्टर दिव्येश वर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो अस्पताल से मरीजों के परिजनों को दी गई रेमडेसिविर की पर्चियों को फाड़ते नजर आ रहे हैं.
सिविल सर्जन का वीडियो वायरल
वीडियो में सुनाई दे रहे ऑडियो के मुताबिक सिविल सर्जन मौके पर मौजूद सभी लोगों से पहले वो पर्चियां ले लेते हैं जो उन्हें अस्पतालों से दी गई है. इसके बाद वो उन सभी पर्चियों को फाड़ देते हैं. और ये कहते हुए नजर आते हैं कि सभी अस्पताल जाओ वहीं पर इंजेक्शन मिलेगा. दरअसल पर्चियों के कारण रेमडेसिविर की कालाबाजारी के शक में लोगों को पर्चियों से रेमडेसिविर मिलना बंद हो गया. लेकिन एक ही दिन में बदले इन नियमों ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी.
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वीडियो वायरल होने के बाद दी सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा ने इस पर सफाई भी दी. दिव्येश वर्मा ने कहा कि पर्चियों से इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही थी इसलिए नियम बदला गया. सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल में उन सभी मरीजों की लिस्ट बना ली गई है जिन्हें रेमडेसिविर की जरूरत है और अब सीधे अस्पताल में ही मरीजों को रेमडेसिविर लगाया जा रहा है.