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मौसम की बेरूखी से किसान परेशान, सोयाबीन और मक्के की फसल सूखने की कगार पर

जिले में बारिश नहीं होने से किसानों की समस्याएं बढ़ने लगी है. किसान अपनी फसल बचाने के लिए कई तरह के जतन कर रहे हैं. वहीं अगर जिले में जल्द ही बारिश नहीं होती है, तो सोयाबीन और मक्के की फसल सूख सकती है.

मौसम की बेरूखी से किसान परेशान
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Published : Jul 20, 2019, 2:29 PM IST

खरगोन। देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, वहीं मानसून मध्य प्रदेश से रूठा-रूठा सा नजर आ रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल सौ मिलीमीटर बारिश कम हुई है. इससे किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कई जतन करने पड़ रहे हैं. वहीं बारिश नहीं होने से फसलों को कीड़े भी खा रहे हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि 2-3 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो सोयाबीन और मक्के की फसल को उखाड़ना पड़ेगा.

मौसम की बेरूखी से किसान परेशान

जिले के भगवानपुरा, गोगांव, सेगांव और भीकन गांव में बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगी हैं. मौसम विभाग के अनुसार बीते साल की तुलना में इस साल 100 मिलीमीटर बारिश कम हुई है, इससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए फसलों को खुद ही पानी दे रहे हैं.

मांडव खेड़ा के किसानों ने बताया कि हमने सोयाबीन की फसल लगाई है. लेकन बारिश नहीं होने से फसलें सूख रही है. वहीं बारिश नहीं होने से कीड़े भी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर 2 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा यह फसल सूख जाएगी.

खरगोन। देश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, वहीं मानसून मध्य प्रदेश से रूठा-रूठा सा नजर आ रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल सौ मिलीमीटर बारिश कम हुई है. इससे किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कई जतन करने पड़ रहे हैं. वहीं बारिश नहीं होने से फसलों को कीड़े भी खा रहे हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि 2-3 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो सोयाबीन और मक्के की फसल को उखाड़ना पड़ेगा.

मौसम की बेरूखी से किसान परेशान

जिले के भगवानपुरा, गोगांव, सेगांव और भीकन गांव में बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगी हैं. मौसम विभाग के अनुसार बीते साल की तुलना में इस साल 100 मिलीमीटर बारिश कम हुई है, इससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए फसलों को खुद ही पानी दे रहे हैं.

मांडव खेड़ा के किसानों ने बताया कि हमने सोयाबीन की फसल लगाई है. लेकन बारिश नहीं होने से फसलें सूख रही है. वहीं बारिश नहीं होने से कीड़े भी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर 2 दिनों में बारिश नहीं होती है, तो किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा यह फसल सूख जाएगी.

Intro:स्पेशल बारिश नही होने से
एंकर
देश के अन्य हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। वहीं मानसून मध्य प्रदेश से रूठा रूठा सा नजर आ रहा है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सौ मिलीमीटर बारिश कम हुई है। जिससे किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कई जतन करना पड़ा है। बारिश के नही होने से फसलों को बचाने के लिए लोटे का सहारा लेकर फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वही बारिश नहीं होने से फसलों को कीड़े भी खा रहे हैं । किसानों का कहना है कि दो से तीन दिन में बारिश नही होती है।तो सोयाबीन और मक्का की फसल उखाड़ना पड़ेगा।



Body:खरगोन जिले के भगवानपुरा गोगांव सेगावां और भीकन गांव क्षेत्र में बारिश की कमी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष 100 मिलीमीटर बारिश कब हुई है। जिससे किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए फसलों को लोटे से पानी देखा बचाने का प्रयास कर रहे हैं। मांडव खेड़ा के किसानों ने बताया कि हमने सोयाबीन की फसल लगाई है। परंतु बारिश नहीं होने से फसलें सूख रही है। वही बारिश नहीं होने से कीड़े भी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बाइट- अभिसार किसान
बाइट- मोहम्मद सिंह चौहान किसान
वही के किसान राजेश चौहान ने बताया कि अगर 2 दिनों में बारिश नहीं होती है। किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा यह फसल सूख जाएगी। तो महंगे बिजला कर पुनः बोनी करना पड़ेगी। साथ ही किसानों की कमर टूट जाएगी। किसान पर दुगुना कार्य हो जाएगा और वह लोटा नहीं पाएगा।
बाइट- राजेश चौहान किसान
वही बिस्टान के वृद्ध किसान दिवानसिंह दांगी ने बताया कि जमीन की ऊपरी सतह में नमी है। परंतु नीचे कड़क जमीन है। अगर 2 दिनों में पानी नहीं आता तो फसलों को उखाड़ना पड़ेगा।
बाइट- दीवानसिंह दांगी किसान



Conclusion:गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 100 मिलीमीटर बारिश कम हुई है। जिससे किसानों को दोबारा बोनी की नौबत आ रही है। वही परेशान किसान अपनी फसल को बचाने के लिए लोटे से पानी देकर प्रयास कर रहे हैं। जल्द बारिश नहीं होती है। तो किसानों को पुनः महंगे बीज ला कर बोनी करना पड़ेगी। जिससे किसानों पर डबल कर्ज हो जाएगा और वह चुका नहीं पाएगा।
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