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सड़क पर उतरे अध्यापक, अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

खरगोन में अपनी मांगों को लेकर अध्यापक शिक्षक महासंघ ने रैली निकालकर अनुविभागीय अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

Teachers submitted memorandum for their demands
सड़क पर उतरे अध्यापक
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Published : Dec 11, 2019, 12:10 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 1:53 PM IST

खरगोन। अध्यापक शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में जिला के अध्यापक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे और रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान अध्यापक कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी अभिषेक गहलोत को ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द अपनी समस्याओं के निराकरण के मांग की.

सड़क पर उतरे अध्यापक

'20-50 के फॉर्मूले के तहत की जा रही अनिवार्य सेवानिवृत्ति को रोका जाए'

अध्यापकों की मांग है कि 20-50 फार्मूले के तहत की जा रही अनिवार्य सेवा निवृत्ति को रोका जाए. 20-50 फॉर्मूले के अंतर्गत अध्यापकों के लिए एक परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें कुछ शिक्षकों और अध्यापकों का परिणाम अपेक्षित नहीं था, तो सरकार ने उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति दे दी है, ऐसा नहीं होना चाहिए. परीक्षा पाठ्यक्रमानुसार नहीं हुई थी और सरकार ने उन्हें सेवानिवृत्ति दे दी. जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं.

और भी हैं मांगें

अनिवार्य सेवा निवृत्ति को रोकने के साथ-साथ अध्यापकों ने जुलाई 2018 से सातवें वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि अध्यापकों और शिक्षकों को जो भी प्रशिक्षण दिया जाता है, वो ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान दिया जाए, क्योंकि शैक्षणिक सत्र के बीच में प्रशिक्षण होने से बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है.

खरगोन। अध्यापक शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में जिला के अध्यापक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे और रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान अध्यापक कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी अभिषेक गहलोत को ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द अपनी समस्याओं के निराकरण के मांग की.

सड़क पर उतरे अध्यापक

'20-50 के फॉर्मूले के तहत की जा रही अनिवार्य सेवानिवृत्ति को रोका जाए'

अध्यापकों की मांग है कि 20-50 फार्मूले के तहत की जा रही अनिवार्य सेवा निवृत्ति को रोका जाए. 20-50 फॉर्मूले के अंतर्गत अध्यापकों के लिए एक परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें कुछ शिक्षकों और अध्यापकों का परिणाम अपेक्षित नहीं था, तो सरकार ने उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति दे दी है, ऐसा नहीं होना चाहिए. परीक्षा पाठ्यक्रमानुसार नहीं हुई थी और सरकार ने उन्हें सेवानिवृत्ति दे दी. जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं.

और भी हैं मांगें

अनिवार्य सेवा निवृत्ति को रोकने के साथ-साथ अध्यापकों ने जुलाई 2018 से सातवें वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि अध्यापकों और शिक्षकों को जो भी प्रशिक्षण दिया जाता है, वो ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान दिया जाए, क्योंकि शैक्षणिक सत्र के बीच में प्रशिक्षण होने से बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है.

Intro:अध्यापक संवर्ग विगत 25 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं । इन 25 वर्षों में कई सरकार आई और गई। लेकिन हर सरकार ने अध्यापक संवर्ग समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता रहा है । Body:वर्तमान सरकार ने वचन पत्र में अध्यापक संवर्ग को प्रथम नियुक्ति से सभी को लाभ देने की बात की है इसके बावजूद भी आदेश जारी नहीं किए। इसके साथ ही 16 सूत्री मांगों को लेकर अध्यापक शिक्षक महासंघ जिला शाखा खरगोन द्वारा सड़कों पर उतरे और एक रैली निकाल कर जमकर नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी अभिषेक गहलोत को ज्ञापन सौंपा और समस्याओं के निराकरण करने की मांग की । ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि पूर्व में नियुक्ति से वंचित धारी व्यायाम शिक्षा कर्मियों को नियमित पद पर नियुक्ति प्रदान करने के साथ ही समान काम समान वेतन के तहत प्रथम नियुक्ति दिनांक से संविलियन किया जाए।20_ 50 वर्ष के फार्मूले के तहत की जा रही अनिवार्य सेवा निवृत्ति को रोका जाए, ऐसी कई समस्याओं को हल करने की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है ।इसके बावजूद भी समस्या हल नहीं होती है तो अंदोलन करने की बात भी कही है।
बाईट 1हबीबुल्ला खान
शिक्षकConclusion:
Last Updated : Dec 11, 2019, 1:53 PM IST
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