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खुदाई के दौरान मिली परमार कालीन जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा - Statue of Jain Tirthankar Parshwanath found in oon

खरगोन जिले की पौराणिक नगरी ऊन में खुदाई के दौरान परमार कालीन जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की मूर्ति मिली है, जिसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को दे दी गई है.

statue found
खुदाई के दौरान मिली परमार कालीन प्रतिमा
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Published : Jun 4, 2020, 3:12 PM IST

खरगोन। जिले की एतिहसिक और पौराणिक नगरी ऊन में मनरेगा के तहत चल रहे खुदाई कार्य में परमार कालीन जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ महाराज की मूर्ति मिली है, जिसे जनपद कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है, मनरेगा के तहत नाला उपचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसी काम के दौरान ये मूर्ति मिली है.

statue found during excavation
खुदाई के दौरान मिली परमार कालीन प्रतिमा

जिले की पौराणिक नगरी और जैन तीर्थस्थल ऊन के नारायण कुंड में मनरेगा योजनांतर्गत कार्य चल रहा है, जहां खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा मिली है. पुरातत्व संग्रहालय के अधिकारी सुलतान सिंह ने बताया कि परमार कालीन ये प्रतिमा संभवतः किसी मंदिर की प्रतिमा होगी, जो मंदिरों के आले (ताक) में स्थापित की जाती है. ऊन जैन शिक्षा केंद्र का बड़ा केंद्र रहा है. जैन तीर्थंकर की ये प्रतिमा क्षरित प्रतिमा है. इस प्रतिमा में परिचायकों का भी अंकन किया गया है.

जनपद पंचायत सीईओ राजेंद्र शर्मा ने बताया कि ऊन के नारायण कुंड में मनेरगा के अंतर्गत नाला उपचार कार्यक्रम चलाया जा रहा था. इस दौरान खुदाई में ढाई से तीन फीट की जैन तीर्थंकर प्रतिमा प्राप्त हुई है. प्रतिमा मिलते ही इस मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया और पुरातत्व विभाग से भी संपर्क किया गया. अभी ये प्रतिमा जनपद कार्यालय में रखी गई है.

खरगोन। जिले की एतिहसिक और पौराणिक नगरी ऊन में मनरेगा के तहत चल रहे खुदाई कार्य में परमार कालीन जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ महाराज की मूर्ति मिली है, जिसे जनपद कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है, मनरेगा के तहत नाला उपचार कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसी काम के दौरान ये मूर्ति मिली है.

statue found during excavation
खुदाई के दौरान मिली परमार कालीन प्रतिमा

जिले की पौराणिक नगरी और जैन तीर्थस्थल ऊन के नारायण कुंड में मनरेगा योजनांतर्गत कार्य चल रहा है, जहां खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा मिली है. पुरातत्व संग्रहालय के अधिकारी सुलतान सिंह ने बताया कि परमार कालीन ये प्रतिमा संभवतः किसी मंदिर की प्रतिमा होगी, जो मंदिरों के आले (ताक) में स्थापित की जाती है. ऊन जैन शिक्षा केंद्र का बड़ा केंद्र रहा है. जैन तीर्थंकर की ये प्रतिमा क्षरित प्रतिमा है. इस प्रतिमा में परिचायकों का भी अंकन किया गया है.

जनपद पंचायत सीईओ राजेंद्र शर्मा ने बताया कि ऊन के नारायण कुंड में मनेरगा के अंतर्गत नाला उपचार कार्यक्रम चलाया जा रहा था. इस दौरान खुदाई में ढाई से तीन फीट की जैन तीर्थंकर प्रतिमा प्राप्त हुई है. प्रतिमा मिलते ही इस मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया और पुरातत्व विभाग से भी संपर्क किया गया. अभी ये प्रतिमा जनपद कार्यालय में रखी गई है.

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