खरगोन। जिस शिवडोले का शहरवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, वो शुरू हो चुका है. शाही ठाट-बाट के बीच महादेवजी पालकी में बैठकर अपना 51वां नगर भ्रमण करने भावसार मोहल्ले के ऐतिहासिक सिद्धनाथ महादेव मंदिर से धूमधाम से निकल गए हैं. फूल-गुलाल से भक्तों ने महादेवजी का स्वागत किया.
शिवडोले में कई राज्यों के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं. अन्य प्रदेशों की धुन, नृत्य, आकर्षक झांकियां और हैरतअंगेज करतब आकर्षण का केंद्र बने हुए है. वहीं ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर भक्त खूब थिरकते हुए यात्रा पूरी कर रहे हैं. पूरा शहर शिव की भक्ति में मगन नज़र आ रहा है. साथ ही बोल बम की आवाज शहर में गूंज रही है.
इस शिवडोले में 100 से ज्यादा स्टॉल्स पर भंडारे की व्यवस्था की गई है. वहीं इस भव्य यात्रा में लाखों लोग शामिल होंगे. 15 घंटों की इस यात्रा के दौरान भगवान सिद्धनाथ अपने भक्तों को दर्शन देंगे.
सिद्धनाथ महादेव मंदिर के पीछे है रोचक कहानी
सिद्धनाथ महादेव मंदिर की कहानी काफी रोचक है. मंदिर के इतिहास के बारे में नौंवी पीढ़ी के वंशज अशोक मल्लीवाल बताते है कि मंदिर का निर्माण 1707 में उनके पूर्वज पिता और माता जानकी के बेटे यानी भगवान शिव के भाई, शम्भूदयाल ने करवाया था. सिद्धनाथ महादेवजी ने माता जानकी के गर्भ में नौ महीने रहकर नाग रूप में जन्म लिया था. मंदिर में बना शिवलिंग नाग देवता की समाधि पर स्थापित है.