ETV Bharat / state

ऑनलाइन पढ़ाई अभिभावकों के लिए बनी मुसीबत का सबब, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - अभिवावकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

कोरोना संकट की वजह से बच्चों की पढ़ाई अब ऑनलाइन करवाई जा रही है, लेकिन अभिवावक इससे काफी परेशान हैं. अभिभावकों का आरोप है कि, विद्यालय की तरफ से उनपर अनावश्यक कई तरह का दबाव बनाया जा रहा है.

Parents are worried about children's online education
बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई से परेशान हैं अभिवावक
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 6:41 PM IST

खरगोन। कोरोना वायरस ने सामान्य जन- जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. बच्चों की पढ़ाई भी अब ऑनलाइन हो रही है. लेकिन इससे बच्चों के अभिवावक काफी परेशान हैं, जिसको लेकर अभिवावकों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, उनका कहना है कि, विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है.

बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई से परेशान हैं अभिवावक

सुबोध जोशी ने बताया कि, निजी स्कूलों द्वारा नर्सरी से मिडिल तक की ऑनलाइन पढ़ाई का कोई औचित्य नहीं है. हम माध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं. बीते तीन माह से लॉकडाउन के चलते परिवार के भरण-पोषण की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में नया मोबाइल नहीं खरीदा जा सकता है. जोशी ने बताया कि, उनके साथी की 2 बेटियां हैं और एक मोबाइल है, नम्बर पिता के पास रहता है. स्कूल से बेटियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए फोन आता है. वो काम करें या मोबाइल बेटियों को दें. नर्सरी से ही मोबाइल पर पढ़ाई करने से बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

उन्होंने शिकायत की है कि, स्कूल संचालकों द्वारा उन पर एंड्रायड मोबाइल खरीदने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है. जिससे वे काफी परेशान हैं. ऐसे में उन्होंने छोटे बच्चों को मोबाइल से पढ़ाई न करवाने की मांग की है.

खरगोन। कोरोना वायरस ने सामान्य जन- जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. बच्चों की पढ़ाई भी अब ऑनलाइन हो रही है. लेकिन इससे बच्चों के अभिवावक काफी परेशान हैं, जिसको लेकर अभिवावकों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, उनका कहना है कि, विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है.

बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई से परेशान हैं अभिवावक

सुबोध जोशी ने बताया कि, निजी स्कूलों द्वारा नर्सरी से मिडिल तक की ऑनलाइन पढ़ाई का कोई औचित्य नहीं है. हम माध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं. बीते तीन माह से लॉकडाउन के चलते परिवार के भरण-पोषण की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में नया मोबाइल नहीं खरीदा जा सकता है. जोशी ने बताया कि, उनके साथी की 2 बेटियां हैं और एक मोबाइल है, नम्बर पिता के पास रहता है. स्कूल से बेटियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए फोन आता है. वो काम करें या मोबाइल बेटियों को दें. नर्सरी से ही मोबाइल पर पढ़ाई करने से बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

उन्होंने शिकायत की है कि, स्कूल संचालकों द्वारा उन पर एंड्रायड मोबाइल खरीदने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है. जिससे वे काफी परेशान हैं. ऐसे में उन्होंने छोटे बच्चों को मोबाइल से पढ़ाई न करवाने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.