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8 महीने भी नहीं चल पाई दिव्यांगों को दी गई मोट्रेट ट्राईसाइकिल, दिव्यांग कल्याण परिषद ने लगाया घोटाले का आरोप

खरगोन में दिव्यांगों को 8 महीने पहले मोट्रेट ट्राईसाइकिल दी गई थी, लेकिन वह घटिया क्वालिटी की निकली, दिव्यांग का कहना है कि मोट्रेट ट्राईसाइकिल चलते चलते बंद हो जाती है. ऊंचाई या चढ़ाव वाले रास्ते में नहीं चढ़ती पाती है. वहीं दिव्यांग कल्याण परिषद इस में घोटाला करने का आरोप लगाया है.

Motrate Tricycle getting junk
कबाड़ हो रही मोट्रेट ट्राईसाइकिल
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Published : Aug 30, 2020, 2:46 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 3:34 PM IST

खरगोन। जिले में हितग्राही मूल योजनाएं कितनी कारगर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आठ माह पहले दिव्यांगों को भारत सरकार द्वारा एडीबी योजना के तहत सांसद निधि से उज्जैन की एक संस्था द्वारा मोट्रेट ट्राईसाइकिल दी गई थी, लेकिन कुछ दी दिनों के इस्तेमाल के बाद उसमें कई तरह की समस्या आने लगी है. जिसके दिव्यांगों ने इस चलाना छोड़ दिया है और उनके घरों में पड़े पड़े कबाड़ हो रही है.

कबाड़ हो रही मोट्रेट ट्राईसाइकिल

ग्राम गोपाल पूरा की गौरा रावल ने बताया कि जो मोट्रेट ट्राईसाइकिल मिली थी वो चलते चलते बंद हो जाती है. ऊंचाई या चढ़ाव वाले रास्ते में नहीं चढ़ पाती है. वहीं कभी भी चलते चलते बंद होने से दिव्यांगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गौरा रावल का कहना है कि इसमें बड़ी बैटरी या अन्य कोई ईंधन होता तो अच्छी तरह से चला पाते.

वहीं दिव्यांग कल्याण परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी के ललित चावला ने कहा कि पूरे प्रदेश में आठ माह पूर्व जिले के दिव्यांगों को मोट्रेट ट्राईसाइकिल की गई थी, घटिया क्वालिटी की निकली. ललित चावला ने जिम्मेदारों पर कमीशन खोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि कम्पनी से जिम्मेदारों की मिली भगत कर घटिया क्वालिटी मोट्रेट ट्राईसाइकिल दिव्यांगों को दी गई है. उनका कहना है कि सरकार ने यह मोट्रेट ट्राईसाइकिल दिव्यांगों को व्यवसाय कर आजीविका चलाने के लिए दी थी. यह सिंगल व्यक्ति का बोझ नहीं उठा पाती है, तो सामान का बोझ कैसे उठा पाएगी. कम्पनी ने एक साल की वारंटी दी थी, लेकिन यह 8 महीने भी नहीं चल पाई.

वहीं सामाजिक न्याय विभाग के सहायक संचालक धर्मेंद्र गांगले ने बताया कि 8 माह पूर्व उज्जैन की एक संस्था द्वारा मोट्रेट ट्राईसाइकिल भारत सरकार की एडीबी योजना के तहत वितरित की गई थी. जिसमें सामाजिक न्याय विभाग महज एक सहयोगी था. जिसका एक बार सर्विस कैंप लगाकर सर्विसिंग की गई थी. दिव्यांगों द्वारा बड़ी मात्रा में मोट्रेट ट्राईसाइकिल खराब होने की शिकायतें मिली हैं. इनकी शिकायत पर कम्पनी को जल्द सर्विस कैंप लगाने के लिए कहा है.

खरगोन। जिले में हितग्राही मूल योजनाएं कितनी कारगर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आठ माह पहले दिव्यांगों को भारत सरकार द्वारा एडीबी योजना के तहत सांसद निधि से उज्जैन की एक संस्था द्वारा मोट्रेट ट्राईसाइकिल दी गई थी, लेकिन कुछ दी दिनों के इस्तेमाल के बाद उसमें कई तरह की समस्या आने लगी है. जिसके दिव्यांगों ने इस चलाना छोड़ दिया है और उनके घरों में पड़े पड़े कबाड़ हो रही है.

कबाड़ हो रही मोट्रेट ट्राईसाइकिल

ग्राम गोपाल पूरा की गौरा रावल ने बताया कि जो मोट्रेट ट्राईसाइकिल मिली थी वो चलते चलते बंद हो जाती है. ऊंचाई या चढ़ाव वाले रास्ते में नहीं चढ़ पाती है. वहीं कभी भी चलते चलते बंद होने से दिव्यांगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गौरा रावल का कहना है कि इसमें बड़ी बैटरी या अन्य कोई ईंधन होता तो अच्छी तरह से चला पाते.

वहीं दिव्यांग कल्याण परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी के ललित चावला ने कहा कि पूरे प्रदेश में आठ माह पूर्व जिले के दिव्यांगों को मोट्रेट ट्राईसाइकिल की गई थी, घटिया क्वालिटी की निकली. ललित चावला ने जिम्मेदारों पर कमीशन खोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि कम्पनी से जिम्मेदारों की मिली भगत कर घटिया क्वालिटी मोट्रेट ट्राईसाइकिल दिव्यांगों को दी गई है. उनका कहना है कि सरकार ने यह मोट्रेट ट्राईसाइकिल दिव्यांगों को व्यवसाय कर आजीविका चलाने के लिए दी थी. यह सिंगल व्यक्ति का बोझ नहीं उठा पाती है, तो सामान का बोझ कैसे उठा पाएगी. कम्पनी ने एक साल की वारंटी दी थी, लेकिन यह 8 महीने भी नहीं चल पाई.

वहीं सामाजिक न्याय विभाग के सहायक संचालक धर्मेंद्र गांगले ने बताया कि 8 माह पूर्व उज्जैन की एक संस्था द्वारा मोट्रेट ट्राईसाइकिल भारत सरकार की एडीबी योजना के तहत वितरित की गई थी. जिसमें सामाजिक न्याय विभाग महज एक सहयोगी था. जिसका एक बार सर्विस कैंप लगाकर सर्विसिंग की गई थी. दिव्यांगों द्वारा बड़ी मात्रा में मोट्रेट ट्राईसाइकिल खराब होने की शिकायतें मिली हैं. इनकी शिकायत पर कम्पनी को जल्द सर्विस कैंप लगाने के लिए कहा है.

Last Updated : Aug 30, 2020, 3:34 PM IST
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