डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी प्रदेश के सबसे छोटे जिलो में शुमार है. लेकिन राजस्व में यह अन्य जिलों से पीछे नहीं है. डिंडौरी जिले का खनिज विभाग जिसने बीते साल की अपेक्षा इस साल 7 करोड़ का टारगेट पूरा किया है, बता दें जिले में न तो ज्यादा रेत खदान है और न ही क्रेशर है. इसके बावजूद 7 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर मध्यप्रदेश के राजस्व को बढ़ाया है.
खनिज विभाग के अधिकारी सुनील उइके के बताए अनुसार राजस्व का 2017 -18 में 6 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने टारगेट था जिसमें विभाग ने 5 करोड़ 85 लाख राजस्व प्राप्त किया था. जिसका राजस्व प्रतिशत 97 % रहा. वहीं साल 2018 -19 में सरकार ने 7 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने टारगेट दिया गया था जिसे पार करते हुए खनिज विभाग ने 7 करोड़ 24 लाख प्राप्त किया है. जो 102 % है.
यह है राजस्व बढ़ाने के स्रोत
खनिज अधिकारी ने बताया कि जिले में राजस्व बढ़ाने के मुख्य स्रोत जिले की 2 रेत खदान है जिसमें ऑनलाइन आवेदन कर 3 करोड़ से ज्यादा का राजस्व विभाग को प्राप्त होता है. जिनमें कमको मोहनिया रेत खदान से 1 करोड़ 85 लाख और देवारी रेत खदान से 1 करोड़ 52 लाख रुपये का राजस्व मिलता है. उसके बाद विभाग द्वारा साल भर में अवैध उत्खनन के 26 प्रकरण बनाये गए जिनसे 3 लाख 72 हजार 500 रुपये, अवैध परिवहन के 124 प्रकरण बनाये गए जिनसे 11 लाख 91 हजार 500 रुपये, अवैध भंडारण के 7 प्रकरण बनाये गए जिनसे 74 हजार रुपये, इसी तरह से वित्तीय वर्ष में 24 उत्खनी पट्टे प्रदान की अनुमति एवं शासकीय कार्य के ठेकेदारों की 5 उत्खनन अनुमति प्रदान की गई जिनसे राजस्व प्राप्त हुआ.