खरगोन। जिला मुख्यालय से महज18 किलोमीटर की दूरी पर बना है महालक्ष्मी मंदिर. जहां मां लक्ष्मी दिन में 3 बार रूप बदल कर भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. कहा जाता है कि पुराने शक्ति पीठों में महालक्ष्मी के देश में चार मन्दिर हैं जिनमें तीन जाग्रत हैं और एक विलुप्त है.
खंडवा-बड़ौदा राजमार्ग पर खरगोन जिला मुख्यालय से 18 किलो मीटर दूर एक छोटा सा गांव है ऊन. यहां से दक्षिण दिशा में 2 किलो मीटर दूर मां महालक्ष्मी विराजती हैं. बताया जाता है कि 11वीं शताब्दी में राजा बल्लाल ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. यहां मां महालक्ष्मी दिन में अपने तीन रूप बदलती हैं, जिसमें सुबह बाल्यावस्था, दोपहर जवान और रात को वृद्धावस्था का रूप धारण कर भक्तों की मुराद पूरी करती है. इस मंदिर की एक बात यह भी है कि यहां से मंदिर के उत्तर में एक कमल तलाई भी है. जिसमें 32 पंखुड़ी का फूल यहां की पहचान था, लेकिन तलाई सूखने से फूल की पहचान खोता जा रहा है.
यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है, दूर -दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं. इस तरह के देश में चार मन्दिर हैं. पहला मुम्बई, दूसरा गुजरात, तीसरा ऊन और चौथा मंदिर कोलकाता में था जो अब विलुप्त माना जाता है.