खरगोन। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान ईंट-भट्टा व्यवसायियों को व्यापार में मंदी के दौर का सामना करना पड़ रहा है. निर्माण कार्य बंद होने के कारण ईंट की मांग नहीं हो रही है. भट्टा व्यापारियों की कमाई न होने कारण वे भट्टे पर काम करने वाले मजदूरों को भी काम नहीं दे पा रहे हैं. इस उद्योग से जुड़े व्यापारी और मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.
खरगोन जिले में बड़े पैमाने पर ईंटों का निर्माण किया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में ईंट भट्टा व्यवसाई आर्थिक बदहाली से दो चार हो रहे हैं. ईंट भट्टा मालिक राजू प्रजापति ने बताया कि लॉकडाउन में ईंट भट्टा संचालकों का काफी नुकसान हुआ है. जो मजदूर उनके ईंट भट्टे पर काम करते हैं, लॉकडाउन के दौरान उन्हें राशन उपलब्ध कराया और उनकी मदद की जैसे ही लॉकडाउन में ढील दी गई वैसे ही उन्हें उनके घरों के लिए रवाना भी कर दिया. लॉकडाउन में ढील के साथ ही मजदूरों का आना शुरू हो गया है, लेकिन बारिश का सीजन शुरू होने के कारण ईंट भट्टे पर काम करना बंद हो गया है.
पहले लॉकडाउन के कारण भट्टों पर काम नहीं हो पाया और जैसे ही लॉकडाउन में ढील दी गई तो बारिश शुरू हो गई, जिससे ईंट भट्टे का काम पटरी पर ही नहीं लौट पाया. ईंट भट्टा संचालकों की माने तो लॉकडाउन की वजह से उन्हें 4 से 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं एक अन्य ईंट भट्टा संचालक महेंद्र रघुवंशी ने बताया कि कोरोना काल मे ईंट भट्टों पर काम नहीं पूरी तरह बंद रहा.