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गर्मी से तप रहा है खरगोन, ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज

खरगोन में पारा 47 डिग्री तक पहुंच गया है, लेकिन जिले के ग्रामीणों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. गोपालपुरा के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं जबकि प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है.

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Published : Jun 4, 2019, 11:44 PM IST

भीषण गर्मी और पानी कि किल्लत से खरगोन का हाल बेहाल

खरगोन। भीषण गर्मी और पानी की किल्लत, इस जिले के लोगों के लिए मसूबतों का सबब बनी हुई है. गोपालपुरा गांव में न तो पीने के लिए पानी है, न नहाने के लिए, यहां तक कि शौच के लिए भी पानी मीलों दूर से लाना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन इसका हल ढ़ूढ़ने की बजाय मौन बैठा है.

भीषण गर्मी और पानी कि किल्लत से खरगोन का हाल बेहाल

खरगोन जिले का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है. गोपालपुरा गांव के लोग बताते हैं कि पानी की किल्लत से उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों को मीलों दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है, जबकि सरपंच के पास खुद का कुआं है इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है. अधिकारियों से शिकायत करने पर टैंकर तो आता है, लेकिन ग्रामीण नाहर सिंह बताते हैं कि बारिश के दिनों में पानी वितरण किया जाता है. पूरी गर्मी ऐसे ही निकल जाती है.

यहां एक हैंड पंप है जोकि 6 माहिने से बंद पड़ा हुआ है. इसमें अगर दो पाइप डाल दिए जाए तो हैंड पंप चालू हो सकता है, लेकिन प्रशासन कुछ करना ही नहीं चाहता है. ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन चाहे तो इन सभी मुसीबतों का हल निकाल सकता है लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

खरगोन। भीषण गर्मी और पानी की किल्लत, इस जिले के लोगों के लिए मसूबतों का सबब बनी हुई है. गोपालपुरा गांव में न तो पीने के लिए पानी है, न नहाने के लिए, यहां तक कि शौच के लिए भी पानी मीलों दूर से लाना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन इसका हल ढ़ूढ़ने की बजाय मौन बैठा है.

भीषण गर्मी और पानी कि किल्लत से खरगोन का हाल बेहाल

खरगोन जिले का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है. गोपालपुरा गांव के लोग बताते हैं कि पानी की किल्लत से उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों को मीलों दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है, जबकि सरपंच के पास खुद का कुआं है इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है. अधिकारियों से शिकायत करने पर टैंकर तो आता है, लेकिन ग्रामीण नाहर सिंह बताते हैं कि बारिश के दिनों में पानी वितरण किया जाता है. पूरी गर्मी ऐसे ही निकल जाती है.

यहां एक हैंड पंप है जोकि 6 माहिने से बंद पड़ा हुआ है. इसमें अगर दो पाइप डाल दिए जाए तो हैंड पंप चालू हो सकता है, लेकिन प्रशासन कुछ करना ही नहीं चाहता है. ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन चाहे तो इन सभी मुसीबतों का हल निकाल सकता है लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

Intro:एंकर
मध्य प्रदेश खरगोन जिला पेयजल संकट किस तरह रहा है। जिसका अंदाजा सहज इस बात से लगाया जा सकता है जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर और नगरपालिका से 1 किलोमीटर दूर पेयजल संकट के लिए ग्रामीणों को 2 से 3 किलोमीटर की दौड़ लगाने को मजबूर हैं।


Body:खरगोन जिला 47 डिग्री के तापमान उबाल मार रहा है जिस पर जिले में पेयजल संकट की मार ग्रामीणों पर पड़ रही है। जिला मुख्यालय की सबसे निकटतम ग्राम पंचायत गोपालपुरा बीते कई महीनों से पेयजल संकट से ग्रस्त है। परन्तु उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों को पेयजल के लिए 2 से 3 किलोमीटर दौड़ लगाना पड़ती है । वही आसपास के जल स्त्रोतों पर मारामारी की नौबत आ जाती है। ग्राम गोपालपुरा की कलाबाई में बताया कि ग्राम में कई महीनों से पेयजल समस्या है। जिससे इधर उधर कुओं पर भटक कर से पानी लाना पड़ता हैं, स्तिथि यहां तक है कि लड़ाई झगड़े ओर मारामारी तक आ जाती है। वही सकू बाई ने बताया कि गांव में पेयजल संकट काफी है। परन्तु सुनने वाला कोई नही है। पहले भी कुछ लोग आए थे । कुछ नही हुआ। अधिकारियों से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि पानी आ जाएगा। छह माह में पहली बार टैंकर आया है।
byte कला बाई ग्रामीण
वही गांव के नाहर सिंह ने बताया कि बारिश के दिनों में पानी वितरण किया जाता है बारिश के बाद बंद होता है तो पूरी गर्मी ऐसे ही निकल जाती है यहां एक हैंड पंप है जोक 6 माह से बंद पड़ा हुआ है इसमें अगर दो पाइप ढल जाए तो हैंड पंप चालू हो सकता है ।
बाइट नाहर सिंह
वहीं ग्राम के कामकाजी युवक का कहना है कि यह समस्या प्रतिवर्ष आती है परंतु पंचायत के सरपंच सचिव इस ओर ध्यान नहीं देते हैं मैं अभी काम पर से लौटा हूं मुझे यह तय करना है की पहले पानी भरो या गेहूं के पीस वाने जाऊं।
बाइट- बबलू रोकड़े ग्रामीण
वही ग्राम के ललित चावला ने कहा कि ग्राम में पेयजल को लेकर परेशानी है सरपंच सचिव की लापरवाही का नतीजा ग्राम वासियों को भुगतना पड़ता है। इस ग्राम में मवेशी से लेकर दैनिक अन्य जनउपयोगी कार्यों के लिए पानी नहीं है । बावजूद इसके पंचायत इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है । ग्राम पंचायत के पास एक बोर है। जिससे पूरे वर्ष गांव के लोगों को पेयजल उपलब्ध होता है। परंतु गर्मी के मौसम में हालात बद से बदतर है।
बाइट- ललित चावला ग्रामीण


Conclusion:
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