खरगोन। कोरोना काल के चलते कई लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. जिसके चलते मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री ने तीन माह तक प्रतिमाह 500 रुपए मजदूरों के खातों में डालने की बात कही थी. लेकिन, ईटीवी भारत जब ग्राउंड रिपोर्ट के लिए बस्ती में पहुंचा तो महिलाओं ने बताया कि आज तक एक भी रुपए खाते में नहीं आया. वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है.
ईटीवी भारत जब मामले की गहराई से जांच करने के लिए मजदूरों के बीच पहुंचा, तो हालात कुछ उलट ही सामने आए हैं. पांच सौ रुपए दिए जाने वाली बात खोखली साबित हुई. मोतीपुरा की रहने वाली संगीता ने बताया कि बैंक वाले बार-बार दौड़ाया करते हैं, लेकिन अभी तक जनधन योजना की एक भी किश्त नहीं आई है. वहीं एक अन्य महिला रूकमणी बाई ने कहा कि मैं तीन बार बैंक में खाता चैक करवाने गई थी, लेकिन बैंक वालों ने कहा कि किश्त नहीं आई है.
मामले को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांच मैनेजर आशुतोष तिवारी और एलडीएम आरएस मुररूकर ने ऑफ लाइन चर्चा करते हुए कहा इसका हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता है. ये पूरा दिल्ली से ऑपरेट होता है.