इंदौर: इंदौर शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी है. इस अभियान से सत्ताधारी नेताओं के समर्थकों की दुकानें और मकान टूटने लगे तो सियासत का पारा चढ़ गया. अतिक्रमण विरोधी मुहिम के दौरान नगर निगम पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है. ये देखकर इंदौर जिला प्रशासन ने मुहिम को अपने हाथ में ले लिया है. अब कई जगहों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन और नेताओं के बीच तीखी तकरार और हाथापाई तक की नौबत आने लगी है.
पार्षद के बाद बीजेपी विधायक भी पहुंचे विरोध करने
दरअसल, हाल ही में इंदौर के जंजीर वाला चौराहे से लेकर मालवा मिल चौराहे तक मास्टर प्लान की सड़क पर अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची. यहां स्थानीय पार्षद नंदकिशोर पहाड़िया के अलावा उनके समर्थकों की दुकानें अतिक्रमण के दायरे में थीं. एसडीएम प्रदीप सोनी ने नगर निगम के रिमूवल अमले को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. ये देखकर पार्षद और स्थानीय विधायक महेंद्र हार्दिया के समर्थकों ने कड़ा विरोध किया. बीजेपी विधायक महेंद्र हार्दिया भी मौके पर पहुंच गए. हार्डिया ने एसडीएम प्रदीप सोनी को फोन किया, लेकिन अतिक्रमण विरोधी मुहिम रोकने के निर्देश मिलने की आशंका में एसडीएम ने फोन रिसीव नहीं किया.
एसडीएम पर बरसे बीजेपी विधायक महेंद्र हार्डिया
एसडीएम ने विधायक हार्डिया का कॉल रिसवी नहीं किया. इससे बीजेपी विधायक का पारा गर्म हो गया. इसके बाद जब एसडीएम ने कॉल रिसीव किया तो बीजेपी विधायक हार्डिया ने अपशब्दों का प्रयोग कर पीटने की धमकी दी. विधायक महेंद्र हार्दिया ने कहा "तुम क्या कलेक्टर से भी बड़े हो." वहीं, जब ये वीडियो वायरल हुआ तो महेंद्र हडिया का कहना था "उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए थे. बिना नोटिस और पूर्व सूचना के अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत अतिक्रमण हटाया जा रहा है." इस मामले में एडीएम रोहित सिसोनिया का कहना है "जंजीर वाला चौराहे से मालवा मिल चौराहे पर अतिक्रमण को लेकर सेंट्रल लाइन की मार्किंग के बाद कार्रवाई होगी."
कलेक्टर बोले- हर स्थिति में जारी रहेगी मुहिम
इंदौर में ट्रैफिक सुधारने और सड़कों पर किए गए अतिक्रमण हटाने को लेकर राज्य सरकार और खासकर जिले के प्रभारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिले फ्री होल्ड के बाद शहर में मास्टर प्लान की तमाम सड़कों के दोनों और किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई जारी है. शहर की इन सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के बाद करीब 500 करोड रुपए की लागत से नए सिरे से बनाना है. गौरतलब है इंदौर में मास्टर प्लान की 23 सड़के हैं, जिनमें से 8 सड़कों का काम पहले चरण में शुरू किया जा रहा है, जिसके बीच में सैकड़ो की संख्या में अतिक्रमण आ रहे हैं, जिन्हें लगातार हटाने की कार्रवाई की जा रही है. कलेक्टर आशीष सिंह ने साफ किया है कि अतिक्रमण हटाओ मुहिम जारी रहेगी.
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अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी मात्रा में सामान जब्त
इंदौर में यातायात सुधार के लिये चलाई जा रही मुहिम के तहत संयुक्त कार्रवाई के दौरान यातायात में बाधक 2 ट्रक सामान जब्त किया गया. साथ ही 60 से अधिक टीन शेड और 28 से अधिक चढ़ाव हटाये गये. कुल 86 टू व्हीलर एवं कार जब्त की गईं. रोड के दूसरी तरफ करीब 200 लोगों को चेतावनी दी गई और दुकानदारों को अवैध कब्जे को हटाने का समय दिया गया है. कमोबेश यही स्थिति अतिक्रमण विरोधी हर मुहिम के पहले देखी जा रही है.
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महापौर बोले- सार्वजनिक सड़क पर दुकान लगाने की अनुमति नहीं
मेघदूत चौपाटी पर दुकान लगाने की जिद कर रहे दुकानदारों को बार-बार समझाने के बाद भी मंगलवार को नगर निगम ने यहां रिमूवल की कार्रवाई करते हुए मौके पर पाई गई दुकान और शेड जेसीबी से नष्ट कर दिए. साथ ही संदेश भी दे दिया कि दोबारा इस तरह चौपाटी लगाना भारी पड़ सकता है. गौरतलब है कि मेट्रो स्टेशन के पास यहां दुकानदार चौपाटी लगाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है जो पात्र दुकानदार होंगे, उन्हें हॉकर्स जोन में जगह दी जाएगी लेकिन सार्वजनिक सड़क पर किसी को दुकान लगाने नहीं दी जाएगी."