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खरगोन में मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम आने लगे सामने, व्यापारियों के तय कांटे पर अनाज तुलवाना किसानों की मजबूरी

खरगोन कृषि उपज मंडी में किसान व्यापारियों के तय कांटे पर अनाज तुलवाने के लिए मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि वहां दो तराजू हैं बावजूद इसके एक ही तराजू पर तौल कराई जाती है, जिसमें 20 किलो कम वजन आता है.

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मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम
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Published : Jul 31, 2020, 3:18 PM IST

खरगोन। जिले की कृषि उपज मंडी में लागू मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. किसानों को मंडी में लगे एक ही काटें पर तोल करवाने के लिए किसानों पर व्यापारियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है. वहीं मंडी में लगे दो तोल कांटों में किसानों द्वारा तुलाई करवाने पर 20 किलो का अंतर सामने आ रहा है.

मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम
खरगोन में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद किसानों द्वारा व्यापारियों, तोल ठेकेदार ओर मंडी प्रशासन पर किसानों ने मिली भगत का आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापारियों द्वारा एक ही कांटे पर अनाज तुलवाया जाता है. वहां दो कांटे मौजूद हैं, लेकिन दूसरे कांटे पर नहीं तुलवाते हैं. जिस कांटे पर बीस किलो कम बताता है, उसी कांटे पर हमेशा अनाज का बजन किया जाता है. इस वजह से किसान को घाटा होता है. वहीं किसानों के साथ यह छलावा कब से हो रहा है इस बात का किसी को पता नहीं है. आज हमने तोल कराई तो पकड़ में आया. वहीं मंडी प्रशासन ने शिकायत करने के बाद जांच करने की बात कही है.

ये भी पढ़ें- जीतू पटवारी के बयानों से बीजेपी नाराज, सद्बुद्धि के लिए भाजयुमो ने किया यज्ञ
वहीं मंडी सचिव रामवीर किरार ने व्यापारियों का पक्ष लेते हुए किसानों पर ही दोषारोपण करते हुए कहा कि किसान अपनी मर्जी से वहां तुलाई करवा रहे हैं. खाली वाहन का वजन बराबर है. भरे वाहन में थोड़ा अंतर है. जिस कांटे पर अंतर आया है, वह कांटा 30 एमटी का है और दूसरा कांटा 60 एमटी का है. कांटे की जांच करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

खरगोन। जिले की कृषि उपज मंडी में लागू मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. किसानों को मंडी में लगे एक ही काटें पर तोल करवाने के लिए किसानों पर व्यापारियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है. वहीं मंडी में लगे दो तोल कांटों में किसानों द्वारा तुलाई करवाने पर 20 किलो का अंतर सामने आ रहा है.

मॉडल एक्ट के दुष्परिणाम
खरगोन में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद किसानों द्वारा व्यापारियों, तोल ठेकेदार ओर मंडी प्रशासन पर किसानों ने मिली भगत का आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापारियों द्वारा एक ही कांटे पर अनाज तुलवाया जाता है. वहां दो कांटे मौजूद हैं, लेकिन दूसरे कांटे पर नहीं तुलवाते हैं. जिस कांटे पर बीस किलो कम बताता है, उसी कांटे पर हमेशा अनाज का बजन किया जाता है. इस वजह से किसान को घाटा होता है. वहीं किसानों के साथ यह छलावा कब से हो रहा है इस बात का किसी को पता नहीं है. आज हमने तोल कराई तो पकड़ में आया. वहीं मंडी प्रशासन ने शिकायत करने के बाद जांच करने की बात कही है.

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वहीं मंडी सचिव रामवीर किरार ने व्यापारियों का पक्ष लेते हुए किसानों पर ही दोषारोपण करते हुए कहा कि किसान अपनी मर्जी से वहां तुलाई करवा रहे हैं. खाली वाहन का वजन बराबर है. भरे वाहन में थोड़ा अंतर है. जिस कांटे पर अंतर आया है, वह कांटा 30 एमटी का है और दूसरा कांटा 60 एमटी का है. कांटे की जांच करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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