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बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक की बीजेपी में वापसी,प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दिलाई सदस्यता - प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा

खरगोन में उपचुनाव से पहले बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक राजकुमार मेव की वापसी हो गई है. मांधाता विधानसभा में उपचुनाव के लिए चल रही चुनावी रैली में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने राजकुमार मेव को सदस्यता दिलाई. उनके साथ कई कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी का दामन थामा है.

Former MLA returned to BJP
पूर्व विधायक की बीजेपी में वापसी
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Published : Oct 24, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Oct 24, 2020, 11:23 AM IST

खरगोन। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले महेश्वर के पूर्व विधायक राजकुमार मेव की 2 साल बाद घर वापसी हो गई है. मांधाता विधानसभा में उपचुनाव के लिए चल रही चुनावी रैली में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने राजकुमार मेव को सदस्यता दिलाई. उनके साथ कई कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी का दामन थामा है. राजकुमार मेव को 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिला था, जिससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था.

क्षेत्र के सभी निष्कासित नेताओं की हुई वापसी
विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र से पूर्व विधायक मेव के साथ अन्य 8 समर्थकों को भी निष्कासित किया गया था. जिनमें से महेश्वर के दो पार्षद, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, मण्डलेश्वर से नगर पालिका अध्यक्षा, बलवाड़ा के सरपंच और करही के अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे. शुक्रवार को मांधाता में आयोजित चुनावी सभा में सभी की घर वापसी हो गई है.

Former MLA returned to BJP
पूर्व विधायक की बीजेपी में वापसी

दिन भर रहा चर्चाओं का दौर

शुक्रवार सुबह 12 बजे जैसे ही महेश्वर विधानसभा के कार्यकर्ताओं को यह खबर लगी, कि पूर्व विधायक मेव की वापसी हो रही है. जिससे चर्चाओं और अटकलों का दौर शुरू हो गया. कुछ बीजेपी कार्यकर्ता असमंजस में थे, तो कुछ खुशियां मना रहे थे. महेश्वर और मण्डलेश्वर में मेव समर्थकों ने शाम को आतिशबाजी भी की.

क्यों हुई राजकुमार मेव की वापसी
पूर्व विधायक मेव चुनाव हारने के बाद से ही विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे. वहीं पार्टी के टिकट पर चुनाव हारे पूर्व विधायक भूपेंद्र आर्य की निष्क्रियता भी मेव की वापसी का मुख्य कारण बनी. लॉकडाउन के दौरान भी पूर्व विधायक मेव क्षेत्र में जनता की सेवा करते दिखाई दिए. जिसके परिणाम के तौर पर उन्हें धारा 144 के उल्लंघन का दोषी भी पाया गया.
मेव के सामने रहेंगी कई चुनौतियां
वापसी के बाद पूर्व विधायक मेव को पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक गुट की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ये वही गुट है, जो विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ खड़ा हुआ था. बीजेपी समर्थक यह गुट आज भी मेव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मेव ने बीजेपी को अपशब्द तक कहे थे. जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेव के पार्टी विरोधी भाषणों के बचाव में मण्डलेश्वर में आम सभा करनी पड़ी थी. भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं ने मेव की वापसी पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि जो इंसान पार्टी के प्रति ईमानदार नहीं हो सकता, वो जनता के प्रति क्या ईमानदार होगा.

खरगोन। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले महेश्वर के पूर्व विधायक राजकुमार मेव की 2 साल बाद घर वापसी हो गई है. मांधाता विधानसभा में उपचुनाव के लिए चल रही चुनावी रैली में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने राजकुमार मेव को सदस्यता दिलाई. उनके साथ कई कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी का दामन थामा है. राजकुमार मेव को 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिला था, जिससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था.

क्षेत्र के सभी निष्कासित नेताओं की हुई वापसी
विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र से पूर्व विधायक मेव के साथ अन्य 8 समर्थकों को भी निष्कासित किया गया था. जिनमें से महेश्वर के दो पार्षद, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, मण्डलेश्वर से नगर पालिका अध्यक्षा, बलवाड़ा के सरपंच और करही के अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे. शुक्रवार को मांधाता में आयोजित चुनावी सभा में सभी की घर वापसी हो गई है.

Former MLA returned to BJP
पूर्व विधायक की बीजेपी में वापसी

दिन भर रहा चर्चाओं का दौर

शुक्रवार सुबह 12 बजे जैसे ही महेश्वर विधानसभा के कार्यकर्ताओं को यह खबर लगी, कि पूर्व विधायक मेव की वापसी हो रही है. जिससे चर्चाओं और अटकलों का दौर शुरू हो गया. कुछ बीजेपी कार्यकर्ता असमंजस में थे, तो कुछ खुशियां मना रहे थे. महेश्वर और मण्डलेश्वर में मेव समर्थकों ने शाम को आतिशबाजी भी की.

क्यों हुई राजकुमार मेव की वापसी
पूर्व विधायक मेव चुनाव हारने के बाद से ही विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे. वहीं पार्टी के टिकट पर चुनाव हारे पूर्व विधायक भूपेंद्र आर्य की निष्क्रियता भी मेव की वापसी का मुख्य कारण बनी. लॉकडाउन के दौरान भी पूर्व विधायक मेव क्षेत्र में जनता की सेवा करते दिखाई दिए. जिसके परिणाम के तौर पर उन्हें धारा 144 के उल्लंघन का दोषी भी पाया गया.
मेव के सामने रहेंगी कई चुनौतियां
वापसी के बाद पूर्व विधायक मेव को पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक गुट की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ये वही गुट है, जो विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ खड़ा हुआ था. बीजेपी समर्थक यह गुट आज भी मेव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मेव ने बीजेपी को अपशब्द तक कहे थे. जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेव के पार्टी विरोधी भाषणों के बचाव में मण्डलेश्वर में आम सभा करनी पड़ी थी. भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं ने मेव की वापसी पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि जो इंसान पार्टी के प्रति ईमानदार नहीं हो सकता, वो जनता के प्रति क्या ईमानदार होगा.

Last Updated : Oct 24, 2020, 11:23 AM IST
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