ETV Bharat / state

खरगोन के जिला अस्पताल को इलाज की दरकार,डॉक्टर और स्टाफ की कमी से जूझ रहा चिकित्सालय - Doctor and staff lack in Khargone District Hospital

खरगोन का जिला चिकित्सालय जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहा जाता है लेकिन अस्पताल डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.

डॉक्टर और स्टाफ की कमी से जूझता सरकारी अस्पताल
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 11:28 AM IST

खरगोन। सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़े अस्पताल में शुमार खरगोन जिला चिकित्सालय डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.हालांकि कई बार चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने शासन को पत्र लिखे चुके हैं लेकिन अभी तक शासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.

डॉक्टर और स्टाफ की कमी से जूझता सरकारी अस्पताल

सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र जोशी ने बताया कि चिकित्सालय में 34 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जिसमें से केवल 10 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ के 180 पद स्वीकृत है जिसमें 120 नर्स काम कर रही हैं. इसके अलावा जो संसाधन है उसी में काम चला रहा है. वीआरएस लेने वाले डॉक्टरों को लेकर कहा कि कम डॉक्टर होने से डॉक्टरों पर दबाव ज्यादा रहता है और कई बार मरीजों के विरोध का सामना करना पड़ता है. कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं और कई डॉक्टर वीआरएस लेने की तैयारी में हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो काफी परेशानियां सामने आएंगी.

खरगोन। सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़े अस्पताल में शुमार खरगोन जिला चिकित्सालय डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.हालांकि कई बार चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने शासन को पत्र लिखे चुके हैं लेकिन अभी तक शासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.

डॉक्टर और स्टाफ की कमी से जूझता सरकारी अस्पताल

सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र जोशी ने बताया कि चिकित्सालय में 34 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जिसमें से केवल 10 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ के 180 पद स्वीकृत है जिसमें 120 नर्स काम कर रही हैं. इसके अलावा जो संसाधन है उसी में काम चला रहा है. वीआरएस लेने वाले डॉक्टरों को लेकर कहा कि कम डॉक्टर होने से डॉक्टरों पर दबाव ज्यादा रहता है और कई बार मरीजों के विरोध का सामना करना पड़ता है. कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं और कई डॉक्टर वीआरएस लेने की तैयारी में हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो काफी परेशानियां सामने आएंगी.

Intro:खरगोन का जिला चिकित्सालय जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहा जाता है। परंतु जीतना बड़ा अस्पताल है यहां उतनी ही ज्यादा समस्याएं हैं। यहां डाक्टरों कि कमी सहित नर्सिंग स्टाफ की कमी है।


Body:खरगोन जिले के सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़े अस्पताल में शुमार खरगोन जिला चिकित्सलय डॉक्टर स्टाफ सहित नर्सिंग स्टाफ कमी से जूझ रहा है। जिसके लिए जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन द्वारा कई पत्र शासन को लिखे जा चुके हैं। परंतु अब तक शासन की ओर से जवाब नहीं आया है। सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र जोशी ने बताया कि चिकित्सालय में 34 पद स्वीकृत है। जिसमें से मां तो 10 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं वही नर्सिंग स्टाफ में भी मात्र सौ ही है। जो संसाधन है उसी में काम चला रहे हैं। वही वीआरएस लेने वाले डॉक्टरों को लेकर कहा कि कम डॉक्टर होने से डॉक्टरों पर दबाव ज्यादा रहता है और कई बार मरीजों के विरोध का सामना करना पड़ता है। जिससे डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं। और कई डॉक्टर वीआरएस लेने की तैयारी में अगर ऐसा हुआ तो काफी परेशानियां सामने आएंगी।
बाइट-डॉ राजेन्द्र जोशी सिविल सर्जन


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.