खरगोन। जिले की पौराणिक नगरी महेश्वर में सावन के पहले सोमवार को आज सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. हालांकि कोरोना महामारी के चलते अपेक्षा कृत कम लोग ही पहुंच रहे हैं. मंदिर समिति के हेमंत जैन ने बताया कि नर्मदा नदी के किनारे स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर अतिप्राचीन है. इसका जीर्णोद्धार अहिल्या बाई होलकर द्वारा किया गया था. बाबा काशी विश्वनाथ सावन माह के अंतिम सोमवार को नर्मदा विहार करते हैं. इस मंदिर में प्रति वर्ष लाखों भक्त पहुंचते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर का शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है. इस मंदिर में सूर्यनारायण की प्रतिमा, जगदम्बा मैया की प्रतिमा भी है. सभा मंडप में नवगृह के साथ श्रीकृष्ण भी मौजूद हैं.
वहीं मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि ये काफी प्राचीन और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर है. इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते हैं. इस मंदिर में पार्थिव शिवलिंग का विशेष महत्व है. इस मंदिर में काफी समय से पार्थिव शिवलिंग बनाते आ रहे हैं.