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बिजली बिलों को लेकर सीएम शिवराज ने की सीधी बात, उपभोक्ताओं-उद्योगपतियों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज बिजली बिलों को लेकर मध्य प्रदेश के चार जिलों के उपभोक्ताओं से सीधी बात की. सीएम शिवराज की वीडियों कांफ्रेंसिंग पर जिले के उपभोक्ताओं और उद्योगपतियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. पढ़िए पूरी खबर...

CM talks to consumers through video conferencing in khargon
सीएम ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की उपभोक्ताओं से बात
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Published : Jun 23, 2020, 1:27 AM IST

खरगोन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के चार जिलों के उपभोक्ताओं से चर्चा की. इसमें खरगोन जिला शामिल नहीं हो पाया. जिससे चलते विद्युत वितरण कंपनी पश्चिम क्षेत्र ने एक निजी होटल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की वीसी का लाइव प्रसारण किया. इसमें जिले के उपभोक्ता और उद्योगपति शामिल हुए. सभी ने मुख्यमंत्री की कार्यक्रम पर अपनी मिली जुली प्रतिक्रिया दी. हालांकि लोगों को मुख्यमंत्री से सीधी बात न हो पाने का मलाल जरूर रहा.

उपभोक्ताओं-उद्योगपतियों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

उपभोक्ता निशिद सत्तन ने बताया कि 'मैं एक छोटा व्यवसाई हूं, मेरी दुकान तीन माह से बन्द है. इसके बाद भी उन्हें दो हजार रुपये का भारी भरकम बिल आता है. वो इतना बिल भरने में असमर्थ हैं. यहां वो अपना बिल कम करवाने के लिए आये थे, इसके लिए उनकी अधिकारियों से बात हुई है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जो किया है, वो अच्छा किया है'.

वहीं उद्योगपति कैलाश अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई रियायत पर्याप्त नहीं है, जो फिक्स्ड चार्ज है, उसका ब्याज नहीं चुकाना है, जो चार्ज है, वो तो देना ही है. उद्योग इस रियायत की अपेक्षा नहीं रखते हैं. अगर एक लाख का बिल है तो बीस हजार फिक्स चार्ज है, तो बीस हजार का ब्याज नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि जब मिनिमम चार्ज है, फिक्स चार्ज है, कारखाने बन्द हैं तो उस अवधि के चार्जों को राइट ऑफ करना चाहिए था.

खरगोन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के चार जिलों के उपभोक्ताओं से चर्चा की. इसमें खरगोन जिला शामिल नहीं हो पाया. जिससे चलते विद्युत वितरण कंपनी पश्चिम क्षेत्र ने एक निजी होटल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की वीसी का लाइव प्रसारण किया. इसमें जिले के उपभोक्ता और उद्योगपति शामिल हुए. सभी ने मुख्यमंत्री की कार्यक्रम पर अपनी मिली जुली प्रतिक्रिया दी. हालांकि लोगों को मुख्यमंत्री से सीधी बात न हो पाने का मलाल जरूर रहा.

उपभोक्ताओं-उद्योगपतियों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

उपभोक्ता निशिद सत्तन ने बताया कि 'मैं एक छोटा व्यवसाई हूं, मेरी दुकान तीन माह से बन्द है. इसके बाद भी उन्हें दो हजार रुपये का भारी भरकम बिल आता है. वो इतना बिल भरने में असमर्थ हैं. यहां वो अपना बिल कम करवाने के लिए आये थे, इसके लिए उनकी अधिकारियों से बात हुई है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जो किया है, वो अच्छा किया है'.

वहीं उद्योगपति कैलाश अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई रियायत पर्याप्त नहीं है, जो फिक्स्ड चार्ज है, उसका ब्याज नहीं चुकाना है, जो चार्ज है, वो तो देना ही है. उद्योग इस रियायत की अपेक्षा नहीं रखते हैं. अगर एक लाख का बिल है तो बीस हजार फिक्स चार्ज है, तो बीस हजार का ब्याज नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि जब मिनिमम चार्ज है, फिक्स चार्ज है, कारखाने बन्द हैं तो उस अवधि के चार्जों को राइट ऑफ करना चाहिए था.

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