खरगोन। आदिवासी इलाकों में प्राचीन काल से भगोरिया पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है. होली के एक सप्ताह पहले से ये पर्व मनाया जाता है. लोग इस दौरान लगने वाले हाट में होलिका पूजन की सामग्री भी खरीदते हैं. भगोरिया हाट मेले में युवक आकर्षक वस्त्र पहनते हैं. महिलाएं और युवतियां आदिवासी समाज के पारंपरिक वस्त्र और आभूषण पहनती हैं. खरगोन जिले में परंपरागत तरीके से भोगरिया पर्व प्रारंभ हुआ. जहां भगवानपूरा के ग्राम धुलकोट सिरवेल और भिकगांव के झिरन्या में पहला भगोरिया हाट लगाया गया.
होली के एक सप्ताह पहले से शुरू हुआ भगोरिया हाट: खरगोन जिले के भगवानपुरा ग्राम धूलकोट में बुधवार को पहला भगोरिया हाट लगाया गया. हाट बाजार में वनांचल के ग्रामीणों ने जमकर खरीदारी की, साथ ही एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई दी. हाट में लगे झूलों का भी युवक युवतियों ने जमकर आनंद लिया. बच्चों ने खान-पान के साथ खिलौने भी खरीदे. भगोरिया हाट में 40 से अधिक गांवों के आदिवासी समाज के लोग हजारों की तादाद में शामिल हुए.
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ड्रेस कोड में नजर आए बच्चे: बदलते परिवेश में समाज के युवक-युवतियां एक जैसे ड्रेस कोड में नजर आए, तो वहीं मोबाइल फोन से सेल्फियां भी ली. इस दौरान बांसुरी की धुन और ढोल की थाप पर बड़े बुजुर्ग समेत युवा जमकर थिरके. भगोरिया हाट में पारंपरिक पोशाक पहनकर समाज के लोगों ने आदिवासी संस्कृति की छठा बिखेरी. वहीं युवक युवतियां अपने हाथों पर गुदना गुदवाती नजर आईं. दुकानदारों ने बताया कि, पहला भगोरिया हाट होने से औसतन ग्राहकी अच्छी रही, भीड़ भी काफी थी. इस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रहा. एसडीओपी संजू सिंह, थाना प्रभारी रमेश भास्करे सहित आदि पुलिसकर्मीयों ने व्यवस्था संभाली. इसी तरह बुधवार को सिरवेल में भी भगोरिया हाट लगा. जहां सांसद गजेंद्र पटेल भी शिरकत करने पहुंचे और एक दूसरे को बधाई दी.