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तिलक, बिंदी-बाली पहनकर स्कूल में आने पर लगा प्रतिबंध, परिजनों ने किया हंगामा - परिजनों का विरोध

खरगोन के भीकनगांव में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने छात्राओं के बिंदी लगाने, कानों में बाली पहनने और छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया.साथ ही इस नियम का पालन न करने पर 20 प्रतिशत अंक काटने और टीसी देने के आदेश जारी किया.

तिलक, बिंदी-बाली पहनकर स्कूल में आने पर लगा प्रतिबंध
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Published : Jul 1, 2019, 1:14 PM IST

खरगोन। भीकनगांव के सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने तुगलकी फरमान जारी किया है. जिसमें छात्राओं के बिंदी लगाने, बाली पहनने और छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया. जिसका परिजनों ने जमकर विरोध किया और कहा कि तिलक लगाना हमारी संस्कृति है, हम बच्चों को इस स्कूल से निकालने का निर्णय लेते हैं.

तिलक, बिंदी-बाली पहनकर स्कूल में आने पर लगा प्रतिबंध


जिले के भीकनगांव में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने छात्राओं के बिंदी लगाने, कानों में बाली पहनने और छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही इस नियम का पालन न करने पर 20 प्रतिशत अंक काटने और टीसी देने के आदेश जारी किया. जिसका परिजनों ने विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति है, हम बच्चों को यहां से निकालने का निर्णय लेते हैं.
वहीं स्कूल के फादर ने बताया कि मामले की शिकायत हुई है. जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे. हंगामे की सूचना पर स्कूल पहुंचे बीइओ एस. के. खरे ने कहा कि ऐसे आदेश न जारी करने के लिए प्राचार्य को समझाइश दी गई है. अब बिंदी, बाली और तिलक पर प्रतिबंध नहीं रहेगा.

खरगोन। भीकनगांव के सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने तुगलकी फरमान जारी किया है. जिसमें छात्राओं के बिंदी लगाने, बाली पहनने और छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया. जिसका परिजनों ने जमकर विरोध किया और कहा कि तिलक लगाना हमारी संस्कृति है, हम बच्चों को इस स्कूल से निकालने का निर्णय लेते हैं.

तिलक, बिंदी-बाली पहनकर स्कूल में आने पर लगा प्रतिबंध


जिले के भीकनगांव में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने छात्राओं के बिंदी लगाने, कानों में बाली पहनने और छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही इस नियम का पालन न करने पर 20 प्रतिशत अंक काटने और टीसी देने के आदेश जारी किया. जिसका परिजनों ने विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति है, हम बच्चों को यहां से निकालने का निर्णय लेते हैं.
वहीं स्कूल के फादर ने बताया कि मामले की शिकायत हुई है. जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे. हंगामे की सूचना पर स्कूल पहुंचे बीइओ एस. के. खरे ने कहा कि ऐसे आदेश न जारी करने के लिए प्राचार्य को समझाइश दी गई है. अब बिंदी, बाली और तिलक पर प्रतिबंध नहीं रहेगा.

Intro:खरगोन भीकनगांव में ईसाई मशनरी द्वारा संचालित सेंट मेरी स्कूल की प्राचार्य ने तुगलीकी फरमान जारी किया है। जिसमे छात्राओ के बिंदी लगाने और कानों में बाली पहनने ओर छात्रों के तिलक लगाकर स्कूल आने पर प्रतिबंध के साथ नियम का पालन न करने पर 20 प्रतिशत अंक काटने के साथ दाखिला देकर स्कूल से निकलने के आदेश का परिजनों ने जम कर विरोध किया।।Body: खरगोन जिले के भीकनगांव में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित स्कूल प्राचार्य को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाना जरूरी है यह भी नहीं पता है साथी प्राचार्य छात्राओं की बिंदी लगाकर और कानों में बाली पहन कर ओर छात्रों के तिलक लगाकर आने पर प्रतिबंध लगाते हुए। नियम का पालन न करने पर 20 प्रतिशत अंक काटने ओर टीसी देने के आदेश का परिजनों ने विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति है। हम बच्चों को यहां से निकलने का निर्णय लेते है।
बाइट - परिजन
वही स्कूल के फादर ने बताया कि मामले की शिकायत हुई है। जांच करंगे जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
बाइट- फादर सूजो
वही हंगामे की सूचना पर स्कूल पहुंचे एसके खरे ने स्कूल का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें समझाइश दी गई है ऐसे आदेश न जारी करने के । उन्हें यह भी नही पता कि राष्ट्र गान ओर राष्ट्र गीत गण जरूरी है। अब बिंदी बाली ओर तिलक पर प्रतिबंध नही रहेगा।
बाइट- एसके खरे बीइओ
Conclusion:
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