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बारिश नहीं होने से बोवनी कर चुके किसानों की बढ़ी चिंता, कृषि वैज्ञानिक ने दी ये सलाह

इस बार मानसून की गतिविधियां पिछले साल के मुकाबले जल्दी होने से अधिकांश किसानों ने सोयाबीन और कपास की जल्दी बोवनी कर दी थी. अब किसान अच्छी बारिश के इंतजार में हैं. एक-दो बारिश होने के बाद मौसम की बेरुखी से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.

Khandwa farmer
खंडवा किसान
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Published : Jun 30, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 8:50 PM IST

खंडवा। कोरोना काल में किसान पहले से काफी नुकसान में हैं. अब बोवनी के समय में मौसम की मार के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों ने सोयाबीन की बोवनी तो कर दी, लेकिन एक सप्ताह का समय बीतने के बाद भी बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

किसानों की बढ़ी चिंता

बारिश के इंतजार में किसान

इस बार मानसून की गतिविधियां पिछले साल के मुकाबले जल्दी होने से अधिकांश किसानों ने सोयाबीन और कपास की जल्दी बोवनी कर दी थी. अब किसान अच्छी बारिश के इंतजार में हैं. एक-दो बारिश होने के बाद मौसम की बेरुखी से किसानों को अब फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है. कुछ किसान अब भी बोवनी के इंतजार में हैं. किसान इस उम्मीद में हैं कि इस बार अच्छी बारिश हो जाए तो फसल में जान आ जाएगी.

फसल बर्बाद होने की चिंता

पहले से ही बुवाई में आई परेशानियों से किसान दो चार हो रहे थे, जिले में शासकीय बीज उपलब्ध कराने वाली समितियों के पास इस बार बीज की कमी थी. ऐसे में किसानों ने बोवनी के लिए किसी तरह से बीज का इंतजाम किया. जिले में कई किसान ऐसे हैं, जो मौसम की बेरुखी से दोबारा बोवनी कर रहे हैं. वहीं मौसम की दोहरी मार से किसान परेशान हैं. किसान अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है कि किसी तरह उसकी फसल को नुकसान न हो, लिहाजा ये किसान इंद्र देवता की मेहरबानी पर ही निर्भर हैं.

कृषि वैज्ञानिक की सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके वाणी ने किसानों को सलाह दी है कि जिन किसानों ने अभी तक बोवनी नही की हैं, वे फिलहाल बारिश का इंतजार करें, जमीन में पूरी तरह नमी आने के बाद ही बोवनी करें. सामान्यत: जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह में बोवनी होना चाहिए, जबकि पिछले साल जुलाई के पहले सप्ताह में बोवनी शुरू हुई थी, लेकिन इस बार पहली बारिश के बाद ही किसानों ने बोवनी कर दी थी. कृषि वैज्ञानिक ने किसानों की सलाह दी है कि जिन किसानों ने सोयाबीन की फसल लगा दी है, ऐसे किसानों को फिलहाल ड्रिप के माध्यम से सिंचाई करना चाहिए.

सोयाबीन की इन बीजों से होगी अच्छी पैदावार
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सोयाबीन की अच्छी किस्म के बीज लेने की सलाह देते हुए कहा कि सोयाबीन में जेएस-2029, जेएस-2034, जेएस-2069, आरबीएस-2001, आरबीएस-24, आरबीएस 200-18 जैसी नई और उन्नत किस्मों को प्राथमिकता दें. इनमें रोगों से लड़ने और मौसम के विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता होती है. इन बीजों में 90-100 दिनों में अच्छी पैदावार भी होती है. किसानों के लिए अच्छी बारिश कब होगी, ये तो कहना मुश्किल होगा. बारिश नहीं होने से किसानों की और चिंता बढ़ गई है.

खंडवा। कोरोना काल में किसान पहले से काफी नुकसान में हैं. अब बोवनी के समय में मौसम की मार के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों ने सोयाबीन की बोवनी तो कर दी, लेकिन एक सप्ताह का समय बीतने के बाद भी बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

किसानों की बढ़ी चिंता

बारिश के इंतजार में किसान

इस बार मानसून की गतिविधियां पिछले साल के मुकाबले जल्दी होने से अधिकांश किसानों ने सोयाबीन और कपास की जल्दी बोवनी कर दी थी. अब किसान अच्छी बारिश के इंतजार में हैं. एक-दो बारिश होने के बाद मौसम की बेरुखी से किसानों को अब फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है. कुछ किसान अब भी बोवनी के इंतजार में हैं. किसान इस उम्मीद में हैं कि इस बार अच्छी बारिश हो जाए तो फसल में जान आ जाएगी.

फसल बर्बाद होने की चिंता

पहले से ही बुवाई में आई परेशानियों से किसान दो चार हो रहे थे, जिले में शासकीय बीज उपलब्ध कराने वाली समितियों के पास इस बार बीज की कमी थी. ऐसे में किसानों ने बोवनी के लिए किसी तरह से बीज का इंतजाम किया. जिले में कई किसान ऐसे हैं, जो मौसम की बेरुखी से दोबारा बोवनी कर रहे हैं. वहीं मौसम की दोहरी मार से किसान परेशान हैं. किसान अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है कि किसी तरह उसकी फसल को नुकसान न हो, लिहाजा ये किसान इंद्र देवता की मेहरबानी पर ही निर्भर हैं.

कृषि वैज्ञानिक की सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके वाणी ने किसानों को सलाह दी है कि जिन किसानों ने अभी तक बोवनी नही की हैं, वे फिलहाल बारिश का इंतजार करें, जमीन में पूरी तरह नमी आने के बाद ही बोवनी करें. सामान्यत: जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह में बोवनी होना चाहिए, जबकि पिछले साल जुलाई के पहले सप्ताह में बोवनी शुरू हुई थी, लेकिन इस बार पहली बारिश के बाद ही किसानों ने बोवनी कर दी थी. कृषि वैज्ञानिक ने किसानों की सलाह दी है कि जिन किसानों ने सोयाबीन की फसल लगा दी है, ऐसे किसानों को फिलहाल ड्रिप के माध्यम से सिंचाई करना चाहिए.

सोयाबीन की इन बीजों से होगी अच्छी पैदावार
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सोयाबीन की अच्छी किस्म के बीज लेने की सलाह देते हुए कहा कि सोयाबीन में जेएस-2029, जेएस-2034, जेएस-2069, आरबीएस-2001, आरबीएस-24, आरबीएस 200-18 जैसी नई और उन्नत किस्मों को प्राथमिकता दें. इनमें रोगों से लड़ने और मौसम के विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता होती है. इन बीजों में 90-100 दिनों में अच्छी पैदावार भी होती है. किसानों के लिए अच्छी बारिश कब होगी, ये तो कहना मुश्किल होगा. बारिश नहीं होने से किसानों की और चिंता बढ़ गई है.

Last Updated : Jun 30, 2020, 8:50 PM IST
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