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शरद पूर्णिमा 2021: भक्तों के लिए खुले श्री दादाजी धूनीवाले के द्वार, खत्म हुआ डेढ़ साल का इंतजार - ETV bharat News

डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद भक्तों के लिए श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर (Shri Dadaji Dhuniwale Temple) के द्वार खुल गए है. कोरोना गाइडलाइन के चलते मंदिर में तो भक्तों को प्रवेश मिल रहा था, लेकिन भक्तों को समाधि स्थल तक जाने की इजाजत नहीं थी. शरद पूर्णिमा पर ये पाबंदी मंदिर समिति ने हटा दी है.

Shree Dadaji Dhuniwale's gates open for devotees
भक्तों के लिए खुले श्री दादाजी धूनीवाले के द्वार
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Published : Oct 20, 2021, 8:46 PM IST

खंडवा। श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर (Shri Dadaji Dhuniwale Temple) में भक्त और भगवान के बीच की दुरी बुधवार को शरद पुर्णिमा पर मिट गई. करीब डेढ़ साल से काेरोना के चलते मंदिर में प्रवेश कर समाधि दर्शन पर रोक लगी हुई थी. डेढ़ साल बाद यह पहला अवसर था जब भक्त सीधे दादाजी महाराज की समाधि तक पहुंचे. उन्होंने दर्शन करने के साथ ही समाधि पर माथा टेका. दरअसल कोरोना काल के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था. मंदिर के बाहर से श्रद्धालु दादाजी महाराज के दर्शन कर रहे थे.

भक्तों के लिए खुले श्री दादाजी धूनीवाले के द्वार

पाबंदी हटने से खुश हुए श्रद्धालु

शरद पुर्णीमा के दिन सुबह से सिहोर, महाराष्ट्र और प्रदेश के अन्य जिलों से श्रद्धालु दादा दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे. श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश कर दादाजी महाराज की समाधि पर शिश नवाया. दादाजी महाराज के चरणों में जाने की इजाजत मिलने पर श्रद्धालु खुश दिखे. समाधि दर्शन कर श्रद्धालुओं ने अनवरत जलती आ रही धूनी में आहुतियां डाली. सिहोर के पास एक गांव से आए दादाजी भक्तों ने बताया कि करीब डेढ़ साल बाद दादाजी महाराज की समाधि के दर्शन हुए है.

धूनी वाले दादाजी धाम में आज भी ऐसे होती है बर्तनों की सफाई, स्वाद और सेहत के लिए है फायदेमंद

कोराेना की वजह से बंद था मंदिर में प्रवेश

श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर में कोराेना काल में जारी गाइडलाइन की वजह से समााधी दर्शन पर रोक लगी हुई थी. लाकडाउन खुलने के बाद भी मंदिर प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए प्रतिबंध जारी रखा था. श्रद्धालुओं काें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. बाहर से दर्शन करने के बाद श्रद्धालु बड़े दादाजी महाराज और छोटे दादाजी महाराज के मंदिर की परिक्रमा करते थे. गुरुपुर्णिमा के अवसर पर केवल धूनी में हवन और पुजन सामग्री डालने की अनुमति दी गई थी.

खंडवा। श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर (Shri Dadaji Dhuniwale Temple) में भक्त और भगवान के बीच की दुरी बुधवार को शरद पुर्णिमा पर मिट गई. करीब डेढ़ साल से काेरोना के चलते मंदिर में प्रवेश कर समाधि दर्शन पर रोक लगी हुई थी. डेढ़ साल बाद यह पहला अवसर था जब भक्त सीधे दादाजी महाराज की समाधि तक पहुंचे. उन्होंने दर्शन करने के साथ ही समाधि पर माथा टेका. दरअसल कोरोना काल के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था. मंदिर के बाहर से श्रद्धालु दादाजी महाराज के दर्शन कर रहे थे.

भक्तों के लिए खुले श्री दादाजी धूनीवाले के द्वार

पाबंदी हटने से खुश हुए श्रद्धालु

शरद पुर्णीमा के दिन सुबह से सिहोर, महाराष्ट्र और प्रदेश के अन्य जिलों से श्रद्धालु दादा दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे. श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश कर दादाजी महाराज की समाधि पर शिश नवाया. दादाजी महाराज के चरणों में जाने की इजाजत मिलने पर श्रद्धालु खुश दिखे. समाधि दर्शन कर श्रद्धालुओं ने अनवरत जलती आ रही धूनी में आहुतियां डाली. सिहोर के पास एक गांव से आए दादाजी भक्तों ने बताया कि करीब डेढ़ साल बाद दादाजी महाराज की समाधि के दर्शन हुए है.

धूनी वाले दादाजी धाम में आज भी ऐसे होती है बर्तनों की सफाई, स्वाद और सेहत के लिए है फायदेमंद

कोराेना की वजह से बंद था मंदिर में प्रवेश

श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर में कोराेना काल में जारी गाइडलाइन की वजह से समााधी दर्शन पर रोक लगी हुई थी. लाकडाउन खुलने के बाद भी मंदिर प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए प्रतिबंध जारी रखा था. श्रद्धालुओं काें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. बाहर से दर्शन करने के बाद श्रद्धालु बड़े दादाजी महाराज और छोटे दादाजी महाराज के मंदिर की परिक्रमा करते थे. गुरुपुर्णिमा के अवसर पर केवल धूनी में हवन और पुजन सामग्री डालने की अनुमति दी गई थी.

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