खंडवा। जिले भर में कोरोना लगातार कहर बरपा रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. प्रतिदिन पॉजिटिव मरीज निकलकर सामने आ रहे है. इधर महाराष्ट्र की बॉर्डर पर स्थित जिले के आखरी बोरखेड़ा खुर्द गांव की रियलिटी ईटीवी भारत ने चेक की. यहां जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही थी. कैमरा देखते ही कुछ लोगों ने मास्क पहन लिया. बस और कार से जिले में प्रवेश करने वाले लोगों के पास बहानों की कमी नहीं थी.
महाराष्ट्र में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिले की बाॅडर सील करने की बात कहीं जा रही है. बार्डर पर चेक पोस्ट बनाकर पुलिस जवानों के साथ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन बार्डर चेक पोस्ट की असलियत कुछ ओर ही है. यहां रविवार को सुबह करीब 9 बजे ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा, तो केवल एक पुलिसकर्मी तैनात मिला. वह भी ईटीवी भारत की टीम को देखने के बाद हरकत में आया. हालांकि वह भी खानापूर्ति करते हुए सड़क के बीच खड़े होकर लोगों को मास्क पहनने की हिदायत देता रहा, लेकिन उसकी समझाइश को अनसुना कर दो पहिया वाहन चालक गुजरते रहे.
धारणी से आ रहे बस यात्रियों की जांच नहीं
दोपहर करीब 12:15 बजे महाराष्ट्र के धारणी से खंडवा जाने के लिए बस बोरखेड़ा खुर्द गांव आकर रूकी. अमरावती रूट पर यह पहला गांव है, जहां से खंडवा जिले की शुरुआत होती है. बस में सवार यात्रियों से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी कहीं भी जांच नहीं हुई है. बोरखेड़ा में बस को रोका तो गया, लेकिन बस ड्रायवर का नाम जानकर बस को जाने दिया गया. बस में सवार एक भी यात्री की स्क्रीनिंग करना तो दूर उनके बारे में जानकारी भी नहीं ली गई. इस तरह से दिन भर बोरखेड़ा चेक पोस्ट पर केवल खानापूर्ति के सिवा कुछ नहीं किया गया.
रियलिटी चेक: महाराष्ट्र के यात्री खंडवा में बढ़ा सकते हैं कोरोना संक्रमण !
मास्क को लेकर भी सख्ती नहीं
चेक पाेस्ट से कुछ ही कदम दूर मजूदरों का झूंड बैठा हुआ था. यह सभी अलग-अलग गांवाें से आकर यहां ठहरे थे. इनमें से एक ने भी मास्क नहीं लगाया था. कोरोना को न्योता देते मजदूरों को नियमों का पालन तक कराने के लिए चेक पोस्ट पर दोपहर करीब 11 बजे तक सिवाए एक जवान के कोई नहीं था, जबकि यहां तीन शिफ्ट में राजस्व अधिकारीयों की ड्यूटी लगाई गई है.