खंडवा। जिले में नर्मदा जल वितरण में अव्यवस्थाओं के चलते लोगों को पानी नही मिल रहा है, जिससे लोगों को समस्यों से जूझना पड़ रहा है. पूरे शहर को साफ पानी वितरण की जिम्मेदारी जल वितरण की प्राइवेट कंपनी विश्वा की है. कई दिनों से मामले पर कोई कार्यवाही नहीं होने से आक्रोशित टैगोर कालोनी की महिलाओं ने स्थानीय पार्षद के साथ जल वितरण कंपनी के खिलाफ मोघट थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करायी है.
साल 2009 में प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री विजय शाह की पत्नी और तत्कालीन महापौर भावना शाह के कार्यकाल में पहली बार प्रदेश में जल का निजीकरण खंडवा में हुआ था, तब नर्मदा जल योजना बनी और शहर में सुचारू जल वितरण के लिए विश्वा कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ था. इस कंपनी को ही पूरे शहर को साफ पानी वितरण की जिम्मेदारी थी. योजना के समय सभी नागरिकों को 24 घंटे साफ पानी मिलने की बात कही गयी थी, लेकिन हर तीसरे चौथे दिन लाईन फूटने से 24 घंटे तो दूर कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता है.
मुद्दे को लेकर इन दिनों राजनीति भी जमकर हो रही है. रविवार को ही कांग्रेस ने निगम में भाजपा की परिषद पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. विपक्ष का आरोप है कि पाईपलाइन डालने में प्लास्टिक के पाईप का इस्तेमाल हुआ जबकि इसमें जेआई लोहे के पाईप लगाना चाहिए था. प्लास्टिक के पाईप दो पंप के चालू होने से पानी के प्रेशर को सहन नही कर पाते हैं और फट जाते हैं. भीषण गर्मी के दिनों में ऐसी स्थिति से शहर में पानी की समस्या ने भीषण रूप ले लिया है.
हालांकि साल 2009 में यूपीए सरकार के समय केंद्र से एक समिति योजना में गड़बड़ी की जांच के लिए आई थी. तब समिति ने क्लीन चिट दे दी थी. जिससे यह मुद्दा शांत हो गया था. लेकिन अब एकबार फिर यह मुद्दा उठा है. अब कांग्रेस भी जल वितरण कंपनी विश्वा पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कर रही है.