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यहां पीएम मोदी और कार्टून वाली पतंगों का क्रेज, धार्मिक पतंगों से बनाई दूरी, जानिए क्या है मामला - religious kites not sold in MP

Kites Craze In MP Market: मकर संक्राति के मद्देनजर एमपी में सभी बाजार पतंगों और लड्डूओं से गुलजार है. बाजार में राजनीतिक, कार्टून और कई तरह की पतंगों की डिमांड देखी जा रही है. जबकि धार्मिक पतंगों से दूरी बनाई गई है. पढ़िए ऐसा क्यों...

Kites Craze In MP Market
पतंगों से गुलजार बाजार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 14, 2024, 10:21 PM IST

पतंगों से गुलजार बाजार

खंडवा। देश के अलग-अलग हिस्सों में रविवार को मकर संक्रांति पर्व की बढ़ी ही धूम है. इस पर्व पर तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों के साथ ही पतंगबाजी को लेकर भी युवाओं और बच्चों में खासा उत्साह देखा जाता है. एमपी के खण्डवा में भी संक्रांति पर्व के चलते रंग बिरंगी पतंगों के बाजार सजे हुए हैं. जिनमें छोटे बच्चों को जहां एक और छोटा भीम और दूसरे कार्टून कैरेक्टर के पतंग की डिमांड की जा रही है. वहीं युवाओं में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो लगी पतंग की डिमांड का क्रेज देखा जा रहा है. हालांकि इन पतंगों के साथ सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने चाइनीज मांझे को बैन कर रखा है, लेकिन फिर भी मकर संक्रांति के चलते पतंगों की डिमांड से बाजार गुलजार है.

चाइनीज मांझे पर बैन

खंडवा नगर के परदेशीपुरा क्षेत्र में इन दिनों पतंग का बाजार सजा हुआ है. जहां रंग बिरंगी कई तरह के कलर और डिजाइन वाली पतंगे मिल रही हैं. वहीं प्लास्टिक और कागज के साथ ही कपड़ों से बनी पतंगे भी इस साल खूब चलन में हैं. इन पतंगों में भी बच्चों में कार्टून कैरेक्टर वाली पतंग पसंद की जा रही है, तो वहीं युवाओं को पीएम मोदी के फोटो लगी पतंग लुभा रही है. बाजार में मिल रही कई तरह के आकार और कलर वाली इन पतंगों की कीमत 2 रुपये से शुरू होकर करीब 400 रुपये तक की है. हालांकि पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे की डोर अब मार्केट से गायब है. सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने उस पर बैन लगा दिया है, लेकिन उसकी जगह अब देसी मांझा चलन में आ गया है. जिससे पतंगबाजी के शौकीन अपना शौक पूरा कर रहे हैं.

डिमांड में कार्टून और राजनीतिक वालीं पतंगे

वहीं शहर के एक बड़े पतंग व्यवसायी इकबाल खान ने बताया कि 'मार्केट में सभी प्रकार के पतंग जिनमें कार्टून वाली, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो लगी, लव बर्ड्स और तिरंगा वाली पतंगे बाजार में चलन में है. जिनमें से पीएम मोदी वाली पतंग अधिक बिक रही है. इसके साथ ही इस साल राम मंदिर से जुड़ी झांकी वाली पतंगे भी चलन में थी, लेकिन हम लोग उन पतंग को नहीं बेच रहे हैं, क्योंकि पतंग कटने के बाद कहीं भी गिर जाती है. ऐसे में गंदी या गलत जगह उसके गिरने पर आस्था का अपमान होता है, जिसके चलते हम लोग फिलहाल धार्मिक पतंगे नहीं बेच रहे हैं.

यहां पढ़ें...

पतंगों से गुलजार बाजार

खंडवा। देश के अलग-अलग हिस्सों में रविवार को मकर संक्रांति पर्व की बढ़ी ही धूम है. इस पर्व पर तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों के साथ ही पतंगबाजी को लेकर भी युवाओं और बच्चों में खासा उत्साह देखा जाता है. एमपी के खण्डवा में भी संक्रांति पर्व के चलते रंग बिरंगी पतंगों के बाजार सजे हुए हैं. जिनमें छोटे बच्चों को जहां एक और छोटा भीम और दूसरे कार्टून कैरेक्टर के पतंग की डिमांड की जा रही है. वहीं युवाओं में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो लगी पतंग की डिमांड का क्रेज देखा जा रहा है. हालांकि इन पतंगों के साथ सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने चाइनीज मांझे को बैन कर रखा है, लेकिन फिर भी मकर संक्रांति के चलते पतंगों की डिमांड से बाजार गुलजार है.

चाइनीज मांझे पर बैन

खंडवा नगर के परदेशीपुरा क्षेत्र में इन दिनों पतंग का बाजार सजा हुआ है. जहां रंग बिरंगी कई तरह के कलर और डिजाइन वाली पतंगे मिल रही हैं. वहीं प्लास्टिक और कागज के साथ ही कपड़ों से बनी पतंगे भी इस साल खूब चलन में हैं. इन पतंगों में भी बच्चों में कार्टून कैरेक्टर वाली पतंग पसंद की जा रही है, तो वहीं युवाओं को पीएम मोदी के फोटो लगी पतंग लुभा रही है. बाजार में मिल रही कई तरह के आकार और कलर वाली इन पतंगों की कीमत 2 रुपये से शुरू होकर करीब 400 रुपये तक की है. हालांकि पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे की डोर अब मार्केट से गायब है. सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने उस पर बैन लगा दिया है, लेकिन उसकी जगह अब देसी मांझा चलन में आ गया है. जिससे पतंगबाजी के शौकीन अपना शौक पूरा कर रहे हैं.

डिमांड में कार्टून और राजनीतिक वालीं पतंगे

वहीं शहर के एक बड़े पतंग व्यवसायी इकबाल खान ने बताया कि 'मार्केट में सभी प्रकार के पतंग जिनमें कार्टून वाली, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो लगी, लव बर्ड्स और तिरंगा वाली पतंगे बाजार में चलन में है. जिनमें से पीएम मोदी वाली पतंग अधिक बिक रही है. इसके साथ ही इस साल राम मंदिर से जुड़ी झांकी वाली पतंगे भी चलन में थी, लेकिन हम लोग उन पतंग को नहीं बेच रहे हैं, क्योंकि पतंग कटने के बाद कहीं भी गिर जाती है. ऐसे में गंदी या गलत जगह उसके गिरने पर आस्था का अपमान होता है, जिसके चलते हम लोग फिलहाल धार्मिक पतंगे नहीं बेच रहे हैं.

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