खंडवा। एक ओर जहां कोरोना वायरस महामारी से पूरे विश्व में कोहराम मचा हुआ है और पूरी दुनिया इस वायरस से जंग लड़ रही है. वहीं दूसरी ओर भारत में भी COVID-19 से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है, जिसका देशभर में कड़ाई से पालन हो रहा है. इसी कड़ी में दुकानों पर खाने की सामाग्री लेने के लिए लूट मची है. जहां से इंसान तो अपने भोजन का इंतजाम कर लेगा लेकिन बेजुबान जानवर क्या करेंगे. इसी सोच के साथ ओंकारेश्वर में इन बेजुबानों की चिंता करने वाले लोग सामने आए हैं.
रोजाना करा रहे भोजन
ओंकारेश्वर के महंत विजय शंकरपुरी महाराज (बुढ़ी मां आश्रम) संस्था और टीम ने यह बीड़ा उठाया है. टीम के सदस्य समाजसेवी मंगल सिंह ठाकुर, मोहन यादव (कोठी) के सहयोग से शिवपुरी क्षैत्र ओंकारपर्वत परिक्रमा पर रोजाना बंदरों-मुकप्राणियों को चने, फल-फ्रूट, साग-सब्जी, बिस्कुट, रोटी आदि का भोजन प्रतिदिन कराया जा रहा है.
बेजुबानों के सामने आ गई भूखे मरने की नौबत
ओंकारेश्वर तीर्थनगरी में पहले तीर्थ यात्रियों और आम नागरिक इन बेजुबान जानवरों को भ्रमण के दौरान कुछ न कुछ भोजन कराते थे, जिससे उनकी भूख मिट जाती थी. लेकिन जब से कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है, तब से ओंकारेश्वर में लोगों का आना-जाना बंद हो गया है. जिस वजह से इन बेजुबान बंदरों और गायों के भूखे मरने की नौबत आ गई थी. जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था. लेकिन अब यह बीड़ा ओंकारेश्वर की कुछ युवाओं की एक टीम ने उठाया है. जो कि रोज इन बेजुबान जानवरों को भोजन मुहैया करा रहे हैं.
लोगों को भी किया जा रहा भोजन वितरित
वहीं दूसरी ओर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन, राजस्व विभाग सहित पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा भी भिक्षावृत्ती कर जीवन यापन कर रहे करीब 250 लोगों को प्रतिदिन भोजन वितरित किया जा रहा हैं.