खंडवा। मध्यप्रदेश में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात हैं. तेज बारिश होने के बाद ओंकारेश्वर बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण काफी तबाही मची है. वहीं ओंकारेश्वर के स्थानीय घाटों पर बनी दुकान भी पूर तरह से नष्ट हो गईं हैं, जिससे दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि प्रशासन द्वारा इन लोगों को पहले से ही दुकानों में रखे सामान को खाली करने के निर्देश दे दिए गए थे.
ओंकारेश्वर में लगभग 25 से 30 दुकानों को बाढ़ के पानी ने तबाह कर दिया. ओंकारेश्वर के बांध खोलने से आए पानी ने टिन और कच्ची बनीं दुकानों को नष्ट कर दिया है . अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां पर 177 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया था. जिससे दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है. दुकानदार मंजू का कहना है कि यहां 25 से 30 दुकानों को नुकसान पहुंचा है. प्रशासन ने बाढ़ के पानी से पहले हमें निर्देश दिए थे और हमने कुछ सामान इन दुकानों से हटा लिया था, लेकिन जब बाढ़ का पानी कम हुआ तो हमने यह देखा कि इन दुकानों की हालत पूरी तरह से खत्म हो गई है.
बाढ़ ने उजाड़ा व्यापार
हर दुकान कम से कम 70 से 80 हजार की लागत से बनी थी और ऐसी कम से कम 25 से 30 दुकानें हैं. जो पूरी तरह से तबाह हो गई हैं. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस आपदा से हम काफी प्रभावित हुए हैं. पहले से कोरोना काल के चलते 5 महीने दुकानें बंद रही हैं, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. ऊपर से इस नर्मदा के रौद्र रूप ने हमें पूरी तरह से तबाह कर दिया है.
![Water everywhere](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8707409_thumbna.png)
प्रशासन से मदद की उम्मीद
वहीं तहसीलदार उदय मंडलोई ने बताया कि बाढ़ का पानी बढ़ने की सूचना स्थानीय दुकानदारों को पहले से ही दे दी गई थी और उन्होंने सामान वहां से खाली कर लिया था. हालांकि उन्होंने बताया कि नर्मदा का जलस्तर कम होने के बाद एक बार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया जाएगा उसके बाद ही स्थिति को बताया जा सकता है. बहरहाल प्रशासन नर्मदा के जल स्तर कम होने तक का इंतजार कर रहा है. वहीं प्रभावित लोगों को प्रशासन द्वारा कितनी आर्थिक सहायता दी जाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
![Shop fell due to flood](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8707409_thumbnail.png)