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दाह संस्कार की श्मशान घाट पर हो रही थी तैयारी, रास्ते से ही अस्पताल लौटा मरीज

कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है. ऐसे में जिला अस्पताल की लापरवाही का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जहां डॉक्टर्स ने एक जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया.

जिंदा मरीज को बताया मृत
जिंदा मरीज को बताया मृत
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Published : Apr 15, 2021, 1:42 PM IST

खंडवा। जिले में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ रही है. मरिजों की संख्या बढने के साथ ही लापरवाही भी सामने आने लगी है. ऐसा ही एक मामला कोविड सेंटर के सारी वार्ड से सामने आया है. यहां लापरवाही की इंतहा तब हो गई जब एक मरीज को मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं परिजनों को सूचना देकर यह बात भी बता दी. जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली.

जिंदा मरीज को बताया मृत


शव देखा तो रह गए दंग

अस्पताल से शव मिलने के बाद जब परिजनों ने उसके चेहरे से कपड़ा हटाया, तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि शव उनके मरीज का नहीं था. यह लापरवाही सामने आने के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया. उन्होने अस्पताल के चक्कर लगाकर अपनी मरीज की जानकारी ली. जब सारी वार्ड में जाकर देखा तो उनका मरीज जीवित था.


अस्पताल से आया मरीज की मौत का फोन

दरअसल, रामपुरा निवासी गोलू पवार को बुखार आने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. इसके बाद अगले दिन सुबह अस्पताल से फोन आया कि गोलू की मौत हो गई. उसके शव को आकर ले जाओ. गोलू की मौत की खबर सुनकर गांव में मातम छा गया. गमजदा परिजन गोली का शव लेने अस्पताल पहुंचे. वहीं श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी भी की कर ली गई थी. दोपहर में गोलू का शव दिया गया. इसी बीच परिजनों ने शव का चेहरा दिखाने की मांग की. काफी देर तक स्वास्थ्यकर्मी उन्हें टालते रहे, लेकिन स्वजनों की जिद के बाद उन्होंने चेहरा दिखा दिया. चेहरा देखने के बाद पता चला की शव गोलू का नहीं है.

अंतिम संस्कार की कर ली थी तैयारी

गोलू की मौत की सूचना सबसे पहले उसके छोटे भाई बादल पवार को फोन पर मिली. जिसके बाद बादल ने गांव में अपने भाई महेंद्र और अन्य परिजनों को बताया कि गोलू की मौत हो गई. जानकारी के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया. महेंद्र अपने रिश्तेदार और दोस्तों के साथ खंडवा अस्पताल पहुंचा. कुछ युवक अस्पताल आने की बजाए सीधे श्मशान घाट पहुंच गए. वहां उसके अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी भी कर ली गई. बता दें कि लोग कोरोना काल में अपने मरीजों को लेकर पहले से ही काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में अस्पताल की ये लापरवाही चिंता का गंभीर विषय है.





खंडवा। जिले में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ रही है. मरिजों की संख्या बढने के साथ ही लापरवाही भी सामने आने लगी है. ऐसा ही एक मामला कोविड सेंटर के सारी वार्ड से सामने आया है. यहां लापरवाही की इंतहा तब हो गई जब एक मरीज को मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं परिजनों को सूचना देकर यह बात भी बता दी. जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली.

जिंदा मरीज को बताया मृत


शव देखा तो रह गए दंग

अस्पताल से शव मिलने के बाद जब परिजनों ने उसके चेहरे से कपड़ा हटाया, तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि शव उनके मरीज का नहीं था. यह लापरवाही सामने आने के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया. उन्होने अस्पताल के चक्कर लगाकर अपनी मरीज की जानकारी ली. जब सारी वार्ड में जाकर देखा तो उनका मरीज जीवित था.


अस्पताल से आया मरीज की मौत का फोन

दरअसल, रामपुरा निवासी गोलू पवार को बुखार आने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. इसके बाद अगले दिन सुबह अस्पताल से फोन आया कि गोलू की मौत हो गई. उसके शव को आकर ले जाओ. गोलू की मौत की खबर सुनकर गांव में मातम छा गया. गमजदा परिजन गोली का शव लेने अस्पताल पहुंचे. वहीं श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी भी की कर ली गई थी. दोपहर में गोलू का शव दिया गया. इसी बीच परिजनों ने शव का चेहरा दिखाने की मांग की. काफी देर तक स्वास्थ्यकर्मी उन्हें टालते रहे, लेकिन स्वजनों की जिद के बाद उन्होंने चेहरा दिखा दिया. चेहरा देखने के बाद पता चला की शव गोलू का नहीं है.

अंतिम संस्कार की कर ली थी तैयारी

गोलू की मौत की सूचना सबसे पहले उसके छोटे भाई बादल पवार को फोन पर मिली. जिसके बाद बादल ने गांव में अपने भाई महेंद्र और अन्य परिजनों को बताया कि गोलू की मौत हो गई. जानकारी के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया. महेंद्र अपने रिश्तेदार और दोस्तों के साथ खंडवा अस्पताल पहुंचा. कुछ युवक अस्पताल आने की बजाए सीधे श्मशान घाट पहुंच गए. वहां उसके अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी भी कर ली गई. बता दें कि लोग कोरोना काल में अपने मरीजों को लेकर पहले से ही काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में अस्पताल की ये लापरवाही चिंता का गंभीर विषय है.





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