खंडवा। संत सिंगाजीधाम में कार्तिक पूर्णिमा की रात सात बजे से तीन दिवसीय (Nimar festival) का शुभारंभ नर्मदा आरती के साथ हुआ. इस मौके पर निर्गुण भक्ति के गायक कालूराम बामनिया देवास और भक्ति गायिका संजो बघेल जबलपुर ने अपने सुरों से संगीत की महफिल को रोशन किया. कार्यक्रम में गायिका बघेल को राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार और kaluram bamnia को तुलसी सम्मान प्रदान किया गया. मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से दो -दो लाख रुपये की राशि सहित प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
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लोक संस्कृति और नृत्य-गायन के महारथी प्रस्तुति देंगेः इस बार निमाड़ उत्सव पहली बार खंडवा जिले के संत सिंगाजीधाम में आयोजित किया जा रहा है. इसके पहले महेश्वर में करीब 28 सालों से आयोजन हो रहा था. संस्कृति विभाग के विनोद गुर्जर ने बताया की यह कार्यक्रम महेश्वर की बजाए निमाड़ के विभिन्न अंचलों में ही करने का निर्णय लिया गया है. चूंकि निमाड़ बहुत बड़ा है, इसलिए यहां लोगों को अपनी संस्कृति से साक्षात्कार कराया जाएगा. संस्कृति विभाग हमारी कला और कलाकारों को संरक्षित करने का काम कर रहा है. संस्कृति विभाग द्वारा पारंपरिक वेश भूषा में कलाकारों के नृत्य, गायन और वादन के साथ लोक कलाओं का प्रचार गांव- गांव जाकर किया जा रहा है. क्षेत्र के ग्रामों में ये कलाकार अपना हुनर दिखाकर ग्रामीणों का मन मोह रहे है. ग्रामीणों को कार्यक्रम में आने का आमंत्रण भी दे रहे है. लोगों में निमाड़ उत्सव के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है. (khandwa nimar festival)
सम्मानित होने वाले कलाकारों का परिचय-कालूराम बामनियाः देवास जिले के पारंपरिक निर्गुण भक्ति के गायक है. कई पीढ़ियों से गायन कला को जिंदा रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है. अभी भी पूरा कुनबा लोक गायकी को समर्पित है. इन्होंने इस कला को संरक्षित करने का काम किया है. आज की पीढ़ी को भी वो तैयार कर रहे है. इसलिए इन्हें प्रदेश स्तरीय तुलसी सम्मान दिया गया है.
संजो बघेल: ये जबलपुर की निवासी है. जो आल्हा और भक्ति गायन की माशहूर गायिका है. इन्होंने कई भक्ति गीत गाकर रिकार्ड कायम किया है. भक्ति गायन के क्षेत्र मे इनका बहुत योगदान होने के कारण इन्हें राष्ट्रीय देवी (Ahilya Award) दिया गया है.