खंडवा। घरेलू हिंसा के मामले में लोक अदालत में राजीनामा कर पति अपनी पत्नी को घर ले गया. इसके कुछ दिन बाद ही अपनी मां के साथ खेत में काम रह पत्नी की दराती मारकर हत्या कर दी. करीब तीन साल पुराने इस हत्याकांड में पीड़ित को अब जाकर न्याय मिला है. हत्यारे पति को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया.
जाने पूरा घटनाक्रम: मिली जानकारी के अनुसार हरसूद थाना क्षेत्र के ग्राम फेफरी सरकार का यह मामला है. ग्राम फेफरी सरकार निवासी संजय पुत्र करण सिंह की शादी वर्ष 2017 में रक्षा के साथ हुई थी. दोनों की एक बेटी भी है. शादी के कुछ दिन बाद से ही संजय अपनी पत्नी रक्षा के चरित्र पर शंका करने लगा था. इस वजह से दोनों के बीच विवाद होने लगे थे. विवाद बढ़ने के बाद रक्षा पति का घर छोड़ बेटी के साथ मायके रहने आ गई थी. उसने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दायर किया था. वहीं इस मामले में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय लोक अदालत में संजय ने पत्नी रक्षा से समझौता किया था. उसका हर तरह से ख्याल रखने का वादा कर वह उसे घर ले गया था. फिर 11 फरवरी 2020 को रक्षा अपनी सास मधुबाई के साथ खेत में लगी चने की फसल को काट रही थी. तभी वहां पीछे से पति संजय आ गया. उसने अपनी पत्नी रक्षा से दराती छीनकर उसकी गर्दन पर वार कर दिए. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद डायल 100 को फोन कर कहा कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है. हरसूद थाने से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो खेत में रक्षा का शव पड़ा हुआ था. इस मामले में हरसूद थाने में संजय पर हत्या का केस दर्ज किया गया था.
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बयानों से मुकर गई थी आरोपी की मां: इस हत्याकांड में संजय की मां मधुबाई प्रत्यक्षदर्शी थी. उसकी आंखों के सामने संजय ने रक्षा की हत्या की थी. पुलिस ने कोर्ट में मां मधुबाई के धारा 164 के बयान भी दर्ज कराए थे, लेकिन जब फैसले की बारी आई तो वे पूर्व में दिए गए बयानों से मुकर गई. लेकिन इस मामले में पुख्ता सुबूत और परिस्थितिजनक साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट सजा का आधार बनी. इस मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल चौहान ने पैरवी की.