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Khandwa Newborn Orphan नवजात बेसहारा को मिला अनाथालय का सहारा, नाबालिग मां ने बच्ची को रखने से किया इंकार - खंडवा नाबालिग मां ने नवजात को रखने से किया इनकार

खंडवा में नाबालिग मां का दुष्कर्म की निशानी रखने से इनकार कर दिया है. चाइल्ड लाइन मां की काउंसलिंग कर रही है. वहीं इस मामले को लेकर परिजनों ने कहा कि, बच्ची को सरकार ही रखे. उन्होंने अस्पताल और पुलिस को साफ इनकार कर दिया है कि वे उसे रखना नहीं चाहते(minor mother refused to keep newborn in Khandwa). इसके चलते मासूम को अस्पताल से खंडवा के एक शिशु गृह में रखा गया है.

minor mother refused to keep newborn in khandwa
खंडवा नाबालिग मां ने नवजात को रखने से किया इनकार
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Published : Nov 20, 2022, 5:25 PM IST

भोपाल। इंदौर में एक 13 साल के नाबालिग ने खंडवा की 15 साल की किशोरी के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था. जिसके बाद नाबालिग प्रेगनेंट हो गई थी, जिसने कुछ दिनों पहले ही एक बच्ची को जन्म दिया है. अब उस नवजात को मां अपने साथ रखने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में आरोपी की भले ही जमानत हो गई हो, लेकिन इस केस में मासूम दुधमुंही बच्ची की फजीहत हो गई है. उसकी नाबालिग मां और उसके परिजन नवजात को अपनाने को राजी नहीं हैं(minor mother refused to keep newborn in Khandwa). उन्होंने अस्पताल और पुलिस को साफ इनकार कर दिया है कि वे उसे रखना नहीं चाहते. इसके चलते मासूम को अस्पताल से खंडवा के एक शिशु गृह में रखा गया है.

नवजात को रखने से किया इंकार: इस मामले में इंदौर पुलिस जांच कर रही है. नाबालिग मां अब उसके खंडवा स्थित घर पर है. खंडवा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विजय सनावा ने बताया कि, उक्त नवजात बच्ची एक शिशु गृह में है और समिति की देखरेख में है. मामले में समिति ने एक पत्र चाइल्ड लाइन को लिखा है कि वह उनसे संपर्क कर उन्हें बाल कल्याण समिति के पास लाए या फिर उनके घर जाकर किशोरी व उनके परिजन की काउंसिलिंग करें. इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. इसके लिए 20 नवंबर तक की तारीख दी गई है.

सरकार के भरोसे नवजात: अधिकारियों ने बताया कि, अगर वे बच्ची को रखना चाहते हैं तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची सौंपी जाएगी. अगर वे नवजात को नहीं रखना चाहेंगे तो इस स्थिति में भी उनसे आवेदन लिया जाएगा. अगर वे बच्ची नहीं रखना चाहते तो उन्हें दो माह का समय दिया जाएगा. इसके बाद बच्ची शासन को सरेंडर कर दी जाएगी. बच्ची केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के माध्यम से गोद दी जा सकेगी.

Rewa News नाबालिग ने दिया बच्चे को जन्म, अस्पताल में छोड़कर फरार हुई मां, नवजात की हालत नाजुक

मिल्क बैंक से मिल रहा नवजात को दूध: नाबालिग मां व उसके परिजन किसी भी स्थिति में बच्ची को रखने को तैयार नहीं हैं. वे कई बार कह चुके हैं कि यह बच्ची अस्पताल रख ले, किसी को गोद दे दें या खुद सरकार रख लें. दूसरी ओर चाइल्ड लाइन के काउंसलर उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची उनकी जैविक संतान है(Khandwa newborn orphan). दूसरी ओर शिशु गृह में बच्ची का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उसे मिल्क बैंक के माध्यम से दूध उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वह कुपोषण का शिकार न हो.

यह है पूरा मामला: खंडवा की रहने वाली 15 साल की लड़की सात से आठ महीने पहले इंदौर में मौसी के घर आई थी. उसका आरोप है कि कॉलोनी में ही रहने वाले 13 साल के लड़के ने अकेला पाकर उससे रेप किया. उसे पता ही नहीं चला कि उसके साथ कितना गलत हो गया. राखी पर वह इंदौर से खंडवा लौट गई. यहां दिवाली के दिन सफाई करते समय वह गिरी और पेट दर्द हुआ. परिजन जब अस्पताल ले गए तो वहां उसने बेटी को जन्म दिया, तब रेप का खुलासा हुआ. वर्तमान में किशोरी अपने घर पर है जबकि आरोपी नाबालिग की भी जमानत हो गई है.

भोपाल। इंदौर में एक 13 साल के नाबालिग ने खंडवा की 15 साल की किशोरी के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था. जिसके बाद नाबालिग प्रेगनेंट हो गई थी, जिसने कुछ दिनों पहले ही एक बच्ची को जन्म दिया है. अब उस नवजात को मां अपने साथ रखने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में आरोपी की भले ही जमानत हो गई हो, लेकिन इस केस में मासूम दुधमुंही बच्ची की फजीहत हो गई है. उसकी नाबालिग मां और उसके परिजन नवजात को अपनाने को राजी नहीं हैं(minor mother refused to keep newborn in Khandwa). उन्होंने अस्पताल और पुलिस को साफ इनकार कर दिया है कि वे उसे रखना नहीं चाहते. इसके चलते मासूम को अस्पताल से खंडवा के एक शिशु गृह में रखा गया है.

नवजात को रखने से किया इंकार: इस मामले में इंदौर पुलिस जांच कर रही है. नाबालिग मां अब उसके खंडवा स्थित घर पर है. खंडवा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विजय सनावा ने बताया कि, उक्त नवजात बच्ची एक शिशु गृह में है और समिति की देखरेख में है. मामले में समिति ने एक पत्र चाइल्ड लाइन को लिखा है कि वह उनसे संपर्क कर उन्हें बाल कल्याण समिति के पास लाए या फिर उनके घर जाकर किशोरी व उनके परिजन की काउंसिलिंग करें. इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. इसके लिए 20 नवंबर तक की तारीख दी गई है.

सरकार के भरोसे नवजात: अधिकारियों ने बताया कि, अगर वे बच्ची को रखना चाहते हैं तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची सौंपी जाएगी. अगर वे नवजात को नहीं रखना चाहेंगे तो इस स्थिति में भी उनसे आवेदन लिया जाएगा. अगर वे बच्ची नहीं रखना चाहते तो उन्हें दो माह का समय दिया जाएगा. इसके बाद बच्ची शासन को सरेंडर कर दी जाएगी. बच्ची केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के माध्यम से गोद दी जा सकेगी.

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मिल्क बैंक से मिल रहा नवजात को दूध: नाबालिग मां व उसके परिजन किसी भी स्थिति में बच्ची को रखने को तैयार नहीं हैं. वे कई बार कह चुके हैं कि यह बच्ची अस्पताल रख ले, किसी को गोद दे दें या खुद सरकार रख लें. दूसरी ओर चाइल्ड लाइन के काउंसलर उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची उनकी जैविक संतान है(Khandwa newborn orphan). दूसरी ओर शिशु गृह में बच्ची का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उसे मिल्क बैंक के माध्यम से दूध उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वह कुपोषण का शिकार न हो.

यह है पूरा मामला: खंडवा की रहने वाली 15 साल की लड़की सात से आठ महीने पहले इंदौर में मौसी के घर आई थी. उसका आरोप है कि कॉलोनी में ही रहने वाले 13 साल के लड़के ने अकेला पाकर उससे रेप किया. उसे पता ही नहीं चला कि उसके साथ कितना गलत हो गया. राखी पर वह इंदौर से खंडवा लौट गई. यहां दिवाली के दिन सफाई करते समय वह गिरी और पेट दर्द हुआ. परिजन जब अस्पताल ले गए तो वहां उसने बेटी को जन्म दिया, तब रेप का खुलासा हुआ. वर्तमान में किशोरी अपने घर पर है जबकि आरोपी नाबालिग की भी जमानत हो गई है.

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