खंडवा। केरल सरकार के द्वारा सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किए जाने के बाद अब अन्य राज्य में भी इसकी मांग उठी उठने लगी है. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा सब्जियों को लेकर मूल्य तय करने की बात कही जा रही है. इसे लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने विधानसभा उपचुनाव के बाद इस मामले पर विचार करने की बात कही है. वहीं इस पर खंडवा जिले के किसानों का कहना है कि सरकार लागत मूल्य को ध्यान में रखकर सब्जियों का एमएसपी तय करें तो ही किसानों को इस फैसले का फायदा होगा.
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष पटेल का कहना है कि हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन सबसे पहले सरकार अनाज को लेकर जो समर्थन मूल्य तय करती है, उस पर ही किसान को वह भाव नहीं मिल पाता है. ऐसे में सब्जियों के तय दाम मिलना तो दूर की बात है. प्याज का भाव बढ़ जाता है तो सरकार उसका आयात कर लेती है, लेकिन किसान को 1-2 रुपए किलो में बेचना पड़ता है, या किसान सड़क पर फेंक देता है.
अन्य किसानों का भी यही कहना है कि फिलहाल मक्का का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा घोषित किया गया है. वो ही किसान को नहीं मिल पा रहा है. गेहूं पर ही यहीं बात लागू होती है. गेहूं में समर्थन मूल्य से कम पर बिकता है. व्यापारी अपने हिसाब से भाव पर खरीदी करता है. ऐसे में सरकार सब्जियों पर MSP कैसे दिला पाएगी. हालांकि किसानों का यह भी कहना है कि अगर सरकार इस तरह का फैसला करती है तो यह स्वागत योग्य है.
सब्जियों पर MSP पर बोले किसान, लागत मूल्य को ध्यान में रखकर दाम तय करे सरकार - Agriculture Minister Kamal Patel
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने को लेकर खंडवा जिले के किसानों का कहना है कि सरकार लागत मूल्य को ध्यान में रखकर सब्जियों का एमएसपी तय करे, तब जाकर कहीं किसानों को इसका फायदा मिलेगा.
![सब्जियों पर MSP पर बोले किसान, लागत मूल्य को ध्यान में रखकर दाम तय करे सरकार Opinion of farmers on fixing MSP on vegetables](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9379246-thumbnail-3x2-i.jpg?imwidth=3840)
खंडवा। केरल सरकार के द्वारा सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किए जाने के बाद अब अन्य राज्य में भी इसकी मांग उठी उठने लगी है. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा सब्जियों को लेकर मूल्य तय करने की बात कही जा रही है. इसे लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने विधानसभा उपचुनाव के बाद इस मामले पर विचार करने की बात कही है. वहीं इस पर खंडवा जिले के किसानों का कहना है कि सरकार लागत मूल्य को ध्यान में रखकर सब्जियों का एमएसपी तय करें तो ही किसानों को इस फैसले का फायदा होगा.
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष पटेल का कहना है कि हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन सबसे पहले सरकार अनाज को लेकर जो समर्थन मूल्य तय करती है, उस पर ही किसान को वह भाव नहीं मिल पाता है. ऐसे में सब्जियों के तय दाम मिलना तो दूर की बात है. प्याज का भाव बढ़ जाता है तो सरकार उसका आयात कर लेती है, लेकिन किसान को 1-2 रुपए किलो में बेचना पड़ता है, या किसान सड़क पर फेंक देता है.
अन्य किसानों का भी यही कहना है कि फिलहाल मक्का का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा घोषित किया गया है. वो ही किसान को नहीं मिल पा रहा है. गेहूं पर ही यहीं बात लागू होती है. गेहूं में समर्थन मूल्य से कम पर बिकता है. व्यापारी अपने हिसाब से भाव पर खरीदी करता है. ऐसे में सरकार सब्जियों पर MSP कैसे दिला पाएगी. हालांकि किसानों का यह भी कहना है कि अगर सरकार इस तरह का फैसला करती है तो यह स्वागत योग्य है.