खंडवा। छह साल पहले कक्षा नौवी की दो छात्राओं का अपहरण कर गैंगरेप करने के सनसनी खेज मामले में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया (khandwa court sentenced accused of gangrape). विशेष न्याायलय पाक्सो एक्ट न्यायाधीश प्राची पटेल ने एसएफ के जवान सुनील कनोज और भोपाल की दो बहनों को 14 साल की सजा दी गई. इस मामले में सात आरोपित हैं. इनमें से तीन फरार आरोपितों को सजा होना शेष है.
आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा: कोतवाली थाने में 23 फरवरी 2015 को गणेश तलाई निवासी पीड़िता ने अपनी बेटी और उसकी सहेली के अपहरण का केस दर्ज करवाया था. दोनों कक्षा नौवी की छात्रा थी. कोतवाली पुलिस ने अपहरण का प्रकरण दर्ज कर छात्राओं की तलाश शुरू कर दी थी. 14 अप्रैल 2015 को छात्राओं ने खंडवा आकर कोतवाली थाने में सात से अधिक आरोपियों पर अपहरण कर गैंगरेप का आरोप लगाया था. साथ ही उन्हें बेचने का आरोप भोपाल की दो युवतियों पर लगाया था. इस मामले में गुरुवार को आरोपी सुनील कनोजे (26) और दो आरोपियों लड़कियों को 14 साल की सजा दी गई है. इस मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रूपेश तमोली ने की. अभियोजन अधिकारी तमोली ने बताया कि इस मामले में शेष तीन आराेपित रोहित, मनोज और सलमान फरार हैं.
ग्वालियर: चचेरी बहन से रेप और हत्या के आरोपी भाई को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा
स्कूल के सामने से हुआ था अपहरण: गणेश तलाई निवासी दोनों छात्राओं का दो माह पहले 23 फरवरी को सिविल लाइन क्षेत्र की एक निजी स्कूल के सामने से आरोपी एसएफ के जवान सुनील कनौजे ने अपने एक साथी के साथ अपहरण कर लिया था. छात्राओं को डरा धमकाकर वे देशगांव के जंगल लेकर गए और उनके साथ दुष्कर्म किया (gangrape with 2 girls students in Khandwa). यहां से दोनों को इंदौर लाया गया. इंदौर से भोपाल की ट्रेन में बैठाकर दोनों वहां से निकल लिए. भोपाल के अलावा सतना, कटनी और रीवा में इन दोनों छात्राओं के साथ दुष्कर्म हुआ था.
रीवा से भागने में कामयाब रही: दोनों छात्राएं दो माह तक दुष्कर्म का शिकार होती रहीं. रीवा में आरोपी मनोज व उसके साथियों ने उन्हें कमरे में बंद रखा था. इस दौरान एक दिन कमरे का ताला खुला मिलने पर छात्राएं उनके चंगुल से बच निकलने में सफल रही. इसके बाद दोनों को मदद से खंडवा पहुंचकर अपने साथ हुई आपबीती कोतवाली पुलिस को बताई. कोतवाली पुलिस ने आरोपितों पर अपहरण और गेंगरेप सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था.