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चार साल बाद भी नहीं पूरी हुई सिंचाई परियोजना, कंपनी दे रही तारीख पर तारीख

छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना 4 साल बाद भी नहीं पूरी हो पाई है. इस परियोजना को 3 साल में यानी नवंबर 2019 में पूरा होना था, मजबूर किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि ये परियोजना कब पूरी होगी और उनकी सूखी फसलों को कब से नया जीवन मिलना शुरू होगा.

When will this project be completed
कब पूरी होगी ये परियोजना
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Published : Aug 17, 2020, 10:27 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 10:57 PM IST

खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में साल 2016 में 537 करोड़ की लागत से महत्वाकांक्षी छैगांवमाखन सिंचाई परियोजना शुरू की गई थी. जिसका ठेका लासर्न एंड टुब्रो कंपनी को दिया गया था. इस परियोजना को 3 साल में यानी नवंबर 2019 में पूरा होना था. लेकिन दो बार काम रुकने से अब ये परियोजना अगले साल मई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद हैं.

नहीं पूरी हुई सिंचाई परियोजना
कब पूरी होगी ये परियोजना

कंपनी के सब इंजीनियर राजेंद्र कुमार यादव का कहना है कि ये सिंचाई परियोजना 2016 में 537 करोड़ की लागत से शुरू हुई थी, इसे नवंबर 2019 में पूरा किया जाना था, लेकिन कई कारणों के चलते ये पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन मार्च में बची हुई पाइप लाइन डालने का काम पूरा किया जाएगा.

विधायक ने दिया ये आश्वासन

क्षेत्रीय विधायक राम दांगोरे ने तय समय पर काम पूरा नहीं होने पर सफाई दी है कि उन्होंने अधिकारियों से बात की है, जिसमें तकनीकी कारणों से सिंचाई परियोजना का काम पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन अब मई 2021 तक किसानों के लिए सिंचाई परियोजना का काम पूरा जाएगा और अगर तय समय में कार्य पूरा नहीं होगा तो कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी.
2003 से है सिंचाई परियोजना की मांग
जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी और प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी. तब इस क्षेत्र में सिंचाई परियोजना की मांग की जा रही है. लेकिन किसानों की मांग पूरी नहीं हो पाई थी. साल 2003 में सबसे पहले दिग्विजय सरकार में क्षेत्र के लिए सिंचाई परियोजना की मांग की गई थी, उस समय किन्हीं कारणों से इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई थी. साल 2016 में स्थानीय लोगों की मांग पर शिवराज सरकार ने 573 करोड़ की छैगांवमाखन उद्वहन योजना स्वीकृत की थी.

2016 में सीएम शिवराज सिंह ने परियोजना को दी हरी झंडी

आखिरकार शिवराज सरकार से 2016 में इस परियोजना को हरी झंडी मिल गई और 537 करोड़ की लागत से ये परियोजना शुरू हुई. इस परियोजना में पाइप के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा. इसके लिए जिले के इंदिरा सागर परियोजना से होकर जाने वाली नहर से पानी लिया जाएगा. जिले के डोंगरगांव में नहर से इस परियोजना को जोड़ा गया है. यहां से बड़े-बड़े पंप हाउस के माध्यम से पाइपलाइन को जोड़कर किसान के खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा.

इस परियोजना से किसानों को मिलेगी राहत

छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई परियोजना शुरू होने से क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिल जाएगी. यह क्षेत्र हमेशा से सूखा माना जाता है. इस योजना के शुरू हो जाने से इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. फिलहाल यहां किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं. इसके चलते किसानों की फसलों के उत्पादन पर भारी असर पड़ता है.

उम्मीद लगाए बैठे मजबूर किसान

छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना को पूरा होने में जिम्मेदारों के मुताबिक अभी करीब 8 महीने का समय बाकी है, लेकिन मजबूर किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि ये परियोजना कब पूरी होगी और उनकी सूखी फसलों को कब से नया जीवन मिलना शुरू होगा. अब देखना ये होगा क्या मई 2021 में ये परियोजना पूरी होगी या फिर कोई नई तारीख दे दी जाएगी.

खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में साल 2016 में 537 करोड़ की लागत से महत्वाकांक्षी छैगांवमाखन सिंचाई परियोजना शुरू की गई थी. जिसका ठेका लासर्न एंड टुब्रो कंपनी को दिया गया था. इस परियोजना को 3 साल में यानी नवंबर 2019 में पूरा होना था. लेकिन दो बार काम रुकने से अब ये परियोजना अगले साल मई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद हैं.

नहीं पूरी हुई सिंचाई परियोजना
कब पूरी होगी ये परियोजना

कंपनी के सब इंजीनियर राजेंद्र कुमार यादव का कहना है कि ये सिंचाई परियोजना 2016 में 537 करोड़ की लागत से शुरू हुई थी, इसे नवंबर 2019 में पूरा किया जाना था, लेकिन कई कारणों के चलते ये पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन मार्च में बची हुई पाइप लाइन डालने का काम पूरा किया जाएगा.

विधायक ने दिया ये आश्वासन

क्षेत्रीय विधायक राम दांगोरे ने तय समय पर काम पूरा नहीं होने पर सफाई दी है कि उन्होंने अधिकारियों से बात की है, जिसमें तकनीकी कारणों से सिंचाई परियोजना का काम पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन अब मई 2021 तक किसानों के लिए सिंचाई परियोजना का काम पूरा जाएगा और अगर तय समय में कार्य पूरा नहीं होगा तो कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी.
2003 से है सिंचाई परियोजना की मांग
जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी और प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी. तब इस क्षेत्र में सिंचाई परियोजना की मांग की जा रही है. लेकिन किसानों की मांग पूरी नहीं हो पाई थी. साल 2003 में सबसे पहले दिग्विजय सरकार में क्षेत्र के लिए सिंचाई परियोजना की मांग की गई थी, उस समय किन्हीं कारणों से इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई थी. साल 2016 में स्थानीय लोगों की मांग पर शिवराज सरकार ने 573 करोड़ की छैगांवमाखन उद्वहन योजना स्वीकृत की थी.

2016 में सीएम शिवराज सिंह ने परियोजना को दी हरी झंडी

आखिरकार शिवराज सरकार से 2016 में इस परियोजना को हरी झंडी मिल गई और 537 करोड़ की लागत से ये परियोजना शुरू हुई. इस परियोजना में पाइप के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा. इसके लिए जिले के इंदिरा सागर परियोजना से होकर जाने वाली नहर से पानी लिया जाएगा. जिले के डोंगरगांव में नहर से इस परियोजना को जोड़ा गया है. यहां से बड़े-बड़े पंप हाउस के माध्यम से पाइपलाइन को जोड़कर किसान के खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा.

इस परियोजना से किसानों को मिलेगी राहत

छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई परियोजना शुरू होने से क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिल जाएगी. यह क्षेत्र हमेशा से सूखा माना जाता है. इस योजना के शुरू हो जाने से इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. फिलहाल यहां किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं. इसके चलते किसानों की फसलों के उत्पादन पर भारी असर पड़ता है.

उम्मीद लगाए बैठे मजबूर किसान

छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना को पूरा होने में जिम्मेदारों के मुताबिक अभी करीब 8 महीने का समय बाकी है, लेकिन मजबूर किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि ये परियोजना कब पूरी होगी और उनकी सूखी फसलों को कब से नया जीवन मिलना शुरू होगा. अब देखना ये होगा क्या मई 2021 में ये परियोजना पूरी होगी या फिर कोई नई तारीख दे दी जाएगी.

Last Updated : Aug 17, 2020, 10:57 PM IST
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