खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में इस बार 7 साल बाद नर्मदा का रौद्र रूप देखा गया है. इसके चलते ओंकारेश्वर और उसके आसपास लगे क्षेत्रों में भीषण बारिश से नर्मदा नदी के आसपास के इलाके में तबाही मच गई है. एक वजह ये भी है कि प्रदेश में हुई अतिवर्षा के चलते जबलपुर के बरगी और होशंगाबाद के तवा बांध से छोड़े गए हजारों क्यूमेक्स पानी ने जिले में नर्मदा का जलस्तर काफी बढ़ा दिया है.
बता दें कि जिले के इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध में जलाशयों में अपनी पूरी क्षमता के साथ जल भर गया. यहां से इन दोनों बांधों से हजारों क्यूमेक्स पानी लगातार आगे छोड़ा गया. जिसके चलते नर्मदा नदी पर बना पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया. आलम यह था कि 3 दिनों तक स्कूल के 5 फीट ऊपर तक पानी बहा, वहीं आसपास के क्षेत्रों में लोगों के कच्चे मकान को नुकसान पहुंचा है.
खंडवा जिले में इस बार बारिश ने जमकर अपना कहर मचाया है. ओंकारेश्वर क्षेत्र में इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के जलाशयों ने भारी जल स्तर होने से नर्मदा के निचले क्षेत्रों में जल स्तर बड़ी मात्रा में बढ़ गया था. मोरटक्का गांव में नर्मदा नदी पर बने बरसों पुराने पुल को भारी नुकसान पहुंचा है. इस पुल के 5 फीट ऊपर से नर्मदा का विकराल रूप देखा गया था. नर्मदा का प्रवाह कितना तेज था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब यहां की सड़कें उखड़ गई हैं. दोनों साइड की रैलिंग भी पानी में बह गई. वहीं क्षतिग्रस्त हुए पुल का जायजा लेकर पुल का मरम्मत कार्य शूरू किया जाएगा. फिलहाल यह इंदौर खंडवा इच्छापुर मार्ग बंद रहने वाला है.वहीं स्थानीय रहवासी कच्चे मकानों समेत कई नुकसानों के लिए प्रशासन से राहत की मांग कर रहे हैं. हालात ये हैं कि कई लोगों के मकान और दुकानें बाढ़ के पानी में बह गई हैं. जिससे लोगों को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इन लोगों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.