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माशा देवी के दरबार में पूरी होती है भक्तों की हर मुराद - Masha Devi Temple

आशापुर स्थित माशा देवी मंदिर की विशेषता है कि भक्त अपनी आशा लेकर आते हैं और मां उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

माशा देवी मंदिर में भक्तों की हर मनोकामनाएं होती है पूरी
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Published : Oct 8, 2019, 4:03 PM IST

खंडवा। आशापुर में स्थित माशा देवी मंदिर की विशेषता कि भक्त एक उम्मीद लेकर आते हैं और मां उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, इस मंदिर की विशेषता है कि देवी मां की असीम कृपा से यहां भक्तों का उद्धार होता है. विशेष मान्यता के चलते दूर-दराज से लोग यहां दर्शन करने आते हैं.

माशा देवी मंदिर में भक्तों की हर मनोकामनाएं होती है पूरी

पुजारी रूपेश जोशी ने बताया कि मां आशा देवी भक्तों की आशाओं को पूर्ण करती हैं. विशेष मान्यता के चलते दूर-दराज से लोग जब मंदिर में आते हैं तो लोग देवी मां से प्रार्थना कर अपनी मनोकामना के लिए अर्जी लगाते हैं.

वही निःसंतान महिलाएं बच्चे के लिए मंदिर में कुमकुम और हल्दी लगी उल्टी हथेली लगाते हैं, जिससे उनकी मन्नतें पूरी होती हैं, उनकी गोद भर जाती है. यही इस मंदिर की विशेषता है.

नवरात्रि में नव दुर्गा उत्सव में मां आशा देवी मंदिर में दुर्गा पाठ का आयोजन किया जाता है, 9वें दिन कन्या भोज कराया जाता है. आसपास के क्षेत्रों की प्रदर्शन करने आयी सभी कन्याओं को भोज कराया जाता है. वहीं अष्टमी के दिन यहां विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है.

मंदिर पुजारी का कहना है कि 30 से 40 साल पहले मंदिर मांसा देवी के लिए एक बेर की छोटी सी झंडी में थी, जो आज एक विशाल मंदिर बना चुका है.

खंडवा। आशापुर में स्थित माशा देवी मंदिर की विशेषता कि भक्त एक उम्मीद लेकर आते हैं और मां उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, इस मंदिर की विशेषता है कि देवी मां की असीम कृपा से यहां भक्तों का उद्धार होता है. विशेष मान्यता के चलते दूर-दराज से लोग यहां दर्शन करने आते हैं.

माशा देवी मंदिर में भक्तों की हर मनोकामनाएं होती है पूरी

पुजारी रूपेश जोशी ने बताया कि मां आशा देवी भक्तों की आशाओं को पूर्ण करती हैं. विशेष मान्यता के चलते दूर-दराज से लोग जब मंदिर में आते हैं तो लोग देवी मां से प्रार्थना कर अपनी मनोकामना के लिए अर्जी लगाते हैं.

वही निःसंतान महिलाएं बच्चे के लिए मंदिर में कुमकुम और हल्दी लगी उल्टी हथेली लगाते हैं, जिससे उनकी मन्नतें पूरी होती हैं, उनकी गोद भर जाती है. यही इस मंदिर की विशेषता है.

नवरात्रि में नव दुर्गा उत्सव में मां आशा देवी मंदिर में दुर्गा पाठ का आयोजन किया जाता है, 9वें दिन कन्या भोज कराया जाता है. आसपास के क्षेत्रों की प्रदर्शन करने आयी सभी कन्याओं को भोज कराया जाता है. वहीं अष्टमी के दिन यहां विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है.

मंदिर पुजारी का कहना है कि 30 से 40 साल पहले मंदिर मांसा देवी के लिए एक बेर की छोटी सी झंडी में थी, जो आज एक विशाल मंदिर बना चुका है.

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