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लीज की जमीन में हुआ फर्जीवाड़ा, SDM ने लगाई दुकानों की नीलामी पर रोक - Collector Tanvi Sundariyal

नगर परिषद् पंधाना में दुकानों की लीज की जमीन में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां निर्माणधीन 28 में से 23 दुकानों की नीलामी की जा रही थी, जिस पर एसडीएम ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

Fraud in the lease land
लीज की जमीन में हुआ फर्जीवाड़ा
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Published : Dec 17, 2019, 2:48 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 3:14 PM IST

खंडवा। नगर परिषद् पंधाना में दुकानों की लीज में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. कुंडिया रोड स्थित हाई स्कूल के सामने नगर परिषद् द्वारा निर्माणाधीन 23 दुकानें D ब्लॉक में थीं, 25 नवंबर 2019 को बंद लिफाफे में नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन कलेक्टर तन्वी सुंदरीयाल के आदेश के बाद नीलामी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया.

अचानक नीलामी प्रक्रिया रोकने से 160 आवेदकों की 24 लाख रुपए की राशि नगर परिषद् के पास जमा थी. एसडीएम अनुभा जैन ने पैसों को तत्काल ट्रेजरी में जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक दुकानदारों को उनकी जमा राशि नहीं मिली है.

नगर परिषद् ने शासन से भू-भाटक जमा कर हॉकर्स जोन के नाम से दुकान निर्माण करने के लिए ली है. नगर परिषद जब खुद ही जमीन लीज पर ले रहा है, तो इस जमीन को किसी व्यक्ति को लीज पर 29 साल के लिए कैसे दिया जा सकता है. इसके अलावा 2018 में लीज के लिए आवेदनों की सूची भी अभी तक हाथ नहीं लगी है, हालांकि इस मामले में नगर परिषद् अध्यक्ष परमानन्द कुशवाह और सीएमओ संजय राठौर ने कहा कि इस तरह का कोई मामला लीज पर नहीं है.

एसडीएम ने जारी किया नोटिस

ये मामला एसडीएम अनुभा जैन के संज्ञान में आते ही 25 नवंबर 2019 को निर्माणधीन दुकानों में अनियमितता के मद्देनजर रोक लगाई गई, तब से मामला अधर में लटका हुआ है. सीएमओ संजय सिंह राठौर ने बताया कि इस मामले में तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है.

अब सवाल ये है कि ठेकेदार ने दुकानों का निर्माण एक जैसा किया था, जब यह दुकानें अवैध और बिना अनुमति के बन रही थीं, तो इतने लंबे समय के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.

खंडवा। नगर परिषद् पंधाना में दुकानों की लीज में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. कुंडिया रोड स्थित हाई स्कूल के सामने नगर परिषद् द्वारा निर्माणाधीन 23 दुकानें D ब्लॉक में थीं, 25 नवंबर 2019 को बंद लिफाफे में नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन कलेक्टर तन्वी सुंदरीयाल के आदेश के बाद नीलामी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया.

अचानक नीलामी प्रक्रिया रोकने से 160 आवेदकों की 24 लाख रुपए की राशि नगर परिषद् के पास जमा थी. एसडीएम अनुभा जैन ने पैसों को तत्काल ट्रेजरी में जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक दुकानदारों को उनकी जमा राशि नहीं मिली है.

नगर परिषद् ने शासन से भू-भाटक जमा कर हॉकर्स जोन के नाम से दुकान निर्माण करने के लिए ली है. नगर परिषद जब खुद ही जमीन लीज पर ले रहा है, तो इस जमीन को किसी व्यक्ति को लीज पर 29 साल के लिए कैसे दिया जा सकता है. इसके अलावा 2018 में लीज के लिए आवेदनों की सूची भी अभी तक हाथ नहीं लगी है, हालांकि इस मामले में नगर परिषद् अध्यक्ष परमानन्द कुशवाह और सीएमओ संजय राठौर ने कहा कि इस तरह का कोई मामला लीज पर नहीं है.

एसडीएम ने जारी किया नोटिस

ये मामला एसडीएम अनुभा जैन के संज्ञान में आते ही 25 नवंबर 2019 को निर्माणधीन दुकानों में अनियमितता के मद्देनजर रोक लगाई गई, तब से मामला अधर में लटका हुआ है. सीएमओ संजय सिंह राठौर ने बताया कि इस मामले में तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है.

अब सवाल ये है कि ठेकेदार ने दुकानों का निर्माण एक जैसा किया था, जब यह दुकानें अवैध और बिना अनुमति के बन रही थीं, तो इतने लंबे समय के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.

Intro:नगर परिषद पंधाना लीज की जमीन में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, पार्षदो ने की शिकायत ,एस डी एम ने लगाई रोक Body:पंधाना --- नगर परिषद पंधाना में दुकानों की लीज में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है । इसका खुलासा तब हुआ जब कुंडिया रोड़ स्थित हाई स्कूल के सामने नगर परिषद द्वारा आनन-फानन में निर्माणाधीन 23 दुकानें नगर परिषद के अनुसार डी ब्लॉक में थी । 25 नवंबर 2019 को बंद लिफाफे में आवेदन आमंत्रित कर नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी ।लेकिन एकाएक 3.20 बजे कलेक्टर का आदेश आता है कि नीलामी प्रक्रिया आगामी आदेशानुसार तक स्थगित की जाती है । अचानक नीलामी प्रक्रिया रुकने से 160 आवेदकों की राशि 24 लाख रुपए नगर परिषद के पास जमा थी । एसडीएम अनुभा जैन के आदेशअनुसार तत्काल ट्रेजरी में जमा करवाने की कार्यवाही की गई । अभी तक यह राशि अधर में लटकी है दुकानदारों को उनकी जमा पूंजी राशि कब मिलेगी इसका कोई पता नहीं लग रहा है । नागरिको ने जब देखा कि कुड़िया रोड पर 28 दुकाने निर्माणाधीन है तो 23 दुकानों की नीलामी ही क्यों ? तब कहीं दबी जुबान से चर्चा नगर में फैली की पांच दुकानों की जो जगह है वह 29 वर्ष की लीज पर दे दी गई है ।
शासन द्वारा नगर निकाय अधिनियम के अंतर्गत क्या नगर परिषद को जमीन लीज पर देने का प्रावधान इंद्राज है । लेकिन जब लीज वाले मामले में सीएमओ संजय सिंह राठौर से बात की तो उन्होंने बताया कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है ।जबकि पिछले वर्ष 2018 में तत्कालिक सीएमओ चंद्रशेखर सोनीस के द्वारा किन नियमों के अंतर्गत लीजिंग प्रक्रिया अपनाई गई । पंधाना नगर से पाँच किलोमीटर दुर मोहनपुर निवाशी हुकुम पिता लछमण को 29 वर्षों के लिए 5 लाख 58 हजार रुपये में लीज देना ऐसी कौन सी मजबूरी थी । लोगों का मानना है कि तत्कालीन सीएमओ चंद्रशेखर सोनीस ने यह सारा कार्य दबाव में आकर किया है ।
नगर परिषद ने शासन से विधिवत भू-भाटक जमा कर हाकर्स जोन के नाम से दुकान निर्माण करने के लिए ली है सवाल तो यह उठता है कि क्या नगर परिषद जब खुद ही जमीन लीज पर ले रही है तो क्या वह इस जमीन को अन्य किसी व्यक्ति को लीज पर 29 वर्षों के लिए दे सकती है । 2018 में लीज के लिये कितने आवेदन आये हैं इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है । क्या नगर परिषद ने जो लीजिंग प्रक्रिया अपनाई है उसके लिए शासन के मापदंडों का निर्वहन किया गया है ? क्या इस प्रक्रिया हेतु दो हिंदी समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या अधिक हो उसमें विज्ञप्ति प्रकाशित करवाई गई है ?क्या जनपद पंचायत ,तहसील कार्यालय एवं नगर परिषद के नोटिस बोर्ड पर उक्त प्रक्रिया हेतु की गई कार्रवाई को चस्पा किया गया था ?क्या नगर परिषद की बैठक में ठहराव प्रस्ताव अनुमोदन एवं सभी 15 पार्षदों को विश्वास में लिया गया था ? क्या यह प्रकिया अतिक्रमण में बेदखल किये फुटकर व्यापारी जो की आर्थिक रूप से कमजोर थे उनके लिये नही अपनाई जा सकती थी ?यह तो निष्पक्ष जांच ही बता सकती है ।
*मीडिया को किया गुमराह*
नगर परिषद पंधाना द्वारा लीज के इस मामले को लेकर मीडिया कर्मियों ने 4 दिसंबर 2019 दिन बुधवार को इस मामले में जब जानकारी लेना चाही तो उन्हें भी गुमराह किया और एक सिरे से नगर परिषद अध्यक्ष परमानन्द कुशवाह और सीएमओ संजय राठौड़ ने नकार दिया कि इस तरह का कोई मामला लीज वाला नहीं है । मीडिया ने जब लीज मामले की जानकारी एकत्र की तो पता चला कि मामला काफी गंभीर और अनसुलझा है ।

**एसडीएम ओर सी एम ओ ने जारी किया नोटिश*
यह मामला एसडीएम अनुभा जैन के संज्ञान में आया तो उनके द्वारा भी नगर परिषद को 18 नवम्बर को नोटिस जारी कर जानकारी हासिल कर 25 नवंबर 2019 को निर्माणधीन दुकानों में अनियमितता के मद्देनजर रोक लगाई गई तब से मामला अधर में लटका हुआ है ।लीज पर दी गई जमीन पर पांच दुकानों का निर्माण होना नगर में सुर्खियों में है । सीएमओ संजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जब मेरे संज्ञान में यह मामला आया तो मेरे द्वारा तत्काल हुकुम पिता लक्ष्मण को तीन बार नोटिस जारी किया गया । नगर परिषद में पदस्थ उपयंत्री बी एल बिरला के देखरेख में बन रही 23 दुकानो के पास निर्माणधीन 5 दुकाने क्या उपयंत्री को दिखाई नही दी । उसके बाद भी दुकानों का निर्माण कार्य जारी रहा । जन चर्चा है कि करीब एक माह से भी ज्यादा समय से यह दुकाने निर्माण हो रही थी तब नगर परिषद ने ऐसा कुछ नहीं देखा ? मामला गहराने के बाद अधिकारी अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं ।
आखिरकार ठेकेदार ने एक जैसा मटेरियल एक ही स्वरूप एक ही आकार की दुकानें निर्माण की है जब यह आवैध एवं बिना अनुमति के निर्माण हो रहा था तो इतने लंबे अंतराल तक संबंधित अधिकारी क्यो आंखें बंद किए हुए बैठे थे ।
*नगर परिषद पार्षदों को भी रखा अंधेरे में*
लीज मामला जब नगर में गहराता देख नगर परिषद के सभी पार्षद भी सकते में आ गए । उन्होंने ताबड़तोड़ आवेदन नगर परिषद को देकर जानकारी हासिल करना चाही कि इस मामले में कितनी सच्चाई है । लेकिन उन्हें आज तक जानकारी अप्राप्त है ।गौरतलब है कि जब 12 पार्षदों ने एक होकर इस तरह हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया है तो जग जाहिर होता है कि उन्हें भी अंधेरे में रखा गया है । नगर परिषद अधिकारि पार्षदो ओर पी आई सी मैम्बर को सच्चाई बताने में क्यों पीछे हट रहे है । अधिकतर पार्षदों को टेंशन है कि यह एक ही मामला है ऐसे और भी मामले तो नहीं है जिसकी उन्हें अभी तक जानकारी ही नहीं है ।

*वर्जन*
(1). हमारे द्वारा जब जांच की गई तो पाया गया कि 23 दुकानों की नक्शे के अनुसार टीएनसीपी की स्वीकृति दी गई है और मौके पर 28 दुकानों का निर्माण कार्य किया जा रहा था जब उन पांच दुकानों की जानकारी चाही गई तब मालूम पड़ा कि है लीज की जमीन पर बनाई जा रही है हमारे द्वारा 18 नवंबर 2019 को निर्माणाधीन दुकानों को रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया था ।
*एस डी एम अनुभा जैन*

(2) .लीज का मामला मेरे समय का नही है यह प्रकरण 2018 के तत्कालीन सी एम ओ के समय का है । नगर परिषद लीज पर ली हुई भूमि लीज पर दे सकती है या नही मूछे जानकारी नही है मूछे नगर परिषद का एक्ट देखना पड़ेगा । हुकुम पिता लछमण निवाशी मोहनपुर को मेरे द्वारा एस डी एम के कार्य रोकने के नोटिस के पूर्व ही नोटिश जारी कर दिया था कि लीज की जमीन पर बिना नगर परिषद की अनुमति के निर्माण कार्य नही कर सकते हो ।
*सी एम ओ संजय राठौड़*Conclusion:पंधाना --- नगर परिषद पंधाना में दुकानों की लीज में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है । इसका खुलासा तब हुआ जब कुंडिया रोड़ स्थित हाई स्कूल के सामने नगर परिषद द्वारा आनन-फानन में निर्माणाधीन 23 दुकानें नगर परिषद के अनुसार डी ब्लॉक में थी । 25 नवंबर 2019 को बंद लिफाफे में आवेदन आमंत्रित कर नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी ।लेकिन एकाएक 3.20 बजे कलेक्टर का आदेश आता है कि नीलामी प्रक्रिया आगामी आदेशानुसार तक स्थगित की जाती है । अचानक नीलामी प्रक्रिया रुकने से 160 आवेदकों की राशि 24 लाख रुपए नगर परिषद के पास जमा थी । एसडीएम अनुभा जैन के आदेशअनुसार तत्काल ट्रेजरी में जमा करवाने की कार्यवाही की गई । अभी तक यह राशि अधर में लटकी है दुकानदारों को उनकी जमा पूंजी राशि कब मिलेगी इसका कोई पता नहीं लग रहा है । नागरिको ने जब देखा कि कुड़िया रोड पर 28 दुकाने निर्माणाधीन है तो 23 दुकानों की नीलामी ही क्यों ? तब कहीं दबी जुबान से चर्चा नगर में फैली की पांच दुकानों की जो जगह है वह 29 वर्ष की लीज पर दे दी गई है ।
शासन द्वारा नगर निकाय अधिनियम के अंतर्गत क्या नगर परिषद को जमीन लीज पर देने का प्रावधान इंद्राज है । लेकिन जब लीज वाले मामले में सीएमओ संजय सिंह राठौर से बात की तो उन्होंने बताया कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है ।जबकि पिछले वर्ष 2018 में तत्कालिक सीएमओ चंद्रशेखर सोनीस के द्वारा किन नियमों के अंतर्गत लीजिंग प्रक्रिया अपनाई गई । पंधाना नगर से पाँच किलोमीटर दुर मोहनपुर निवाशी हुकुम पिता लछमण को 29 वर्षों के लिए 5 लाख 58 हजार रुपये में लीज देना ऐसी कौन सी मजबूरी थी । लोगों का मानना है कि तत्कालीन सीएमओ चंद्रशेखर सोनीस ने यह सारा कार्य दबाव में आकर किया है ।
नगर परिषद ने शासन से विधिवत भू-भाटक जमा कर हाकर्स जोन के नाम से दुकान निर्माण करने के लिए ली है सवाल तो यह उठता है कि क्या नगर परिषद जब खुद ही जमीन लीज पर ले रही है तो क्या वह इस जमीन को अन्य किसी व्यक्ति को लीज पर 29 वर्षों के लिए दे सकती है । 2018 में लीज के लिये कितने आवेदन आये हैं इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है । क्या नगर परिषद ने जो लीजिंग प्रक्रिया अपनाई है उसके लिए शासन के मापदंडों का निर्वहन किया गया है ? क्या इस प्रक्रिया हेतु दो हिंदी समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या अधिक हो उसमें विज्ञप्ति प्रकाशित करवाई गई है ?क्या जनपद पंचायत ,तहसील कार्यालय एवं नगर परिषद के नोटिस बोर्ड पर उक्त प्रक्रिया हेतु की गई कार्रवाई को चस्पा किया गया था ?क्या नगर परिषद की बैठक में ठहराव प्रस्ताव अनुमोदन एवं सभी 15 पार्षदों को विश्वास में लिया गया था ? क्या यह प्रकिया अतिक्रमण में बेदखल किये फुटकर व्यापारी जो की आर्थिक रूप से कमजोर थे उनके लिये नही अपनाई जा सकती थी ?यह तो निष्पक्ष जांच ही बता सकती है ।
*मीडिया को किया गुमराह*
नगर परिषद पंधाना द्वारा लीज के इस मामले को लेकर मीडिया कर्मियों ने 4 दिसंबर 2019 दिन बुधवार को इस मामले में जब जानकारी लेना चाही तो उन्हें भी गुमराह किया और एक सिरे से नगर परिषद अध्यक्ष परमानन्द कुशवाह और सीएमओ संजय राठौड़ ने नकार दिया कि इस तरह का कोई मामला लीज वाला नहीं है । मीडिया ने जब लीज मामले की जानकारी एकत्र की तो पता चला कि मामला काफी गंभीर और अनसुलझा है ।

**एसडीएम ओर सी एम ओ ने जारी किया नोटिश*
यह मामला एसडीएम अनुभा जैन के संज्ञान में आया तो उनके द्वारा भी नगर परिषद को 18 नवम्बर को नोटिस जारी कर जानकारी हासिल कर 25 नवंबर 2019 को निर्माणधीन दुकानों में अनियमितता के मद्देनजर रोक लगाई गई तब से मामला अधर में लटका हुआ है ।लीज पर दी गई जमीन पर पांच दुकानों का निर्माण होना नगर में सुर्खियों में है । सीएमओ संजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जब मेरे संज्ञान में यह मामला आया तो मेरे द्वारा तत्काल हुकुम पिता लक्ष्मण को तीन बार नोटिस जारी किया गया । नगर परिषद में पदस्थ उपयंत्री बी एल बिरला के देखरेख में बन रही 23 दुकानो के पास निर्माणधीन 5 दुकाने क्या उपयंत्री को दिखाई नही दी । उसके बाद भी दुकानों का निर्माण कार्य जारी रहा । जन चर्चा है कि करीब एक माह से भी ज्यादा समय से यह दुकाने निर्माण हो रही थी तब नगर परिषद ने ऐसा कुछ नहीं देखा ? मामला गहराने के बाद अधिकारी अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं ।
आखिरकार ठेकेदार ने एक जैसा मटेरियल एक ही स्वरूप एक ही आकार की दुकानें निर्माण की है जब यह आवैध एवं बिना अनुमति के निर्माण हो रहा था तो इतने लंबे अंतराल तक संबंधित अधिकारी क्यो आंखें बंद किए हुए बैठे थे ।
*नगर परिषद पार्षदों को भी रखा अंधेरे में*
लीज मामला जब नगर में गहराता देख नगर परिषद के सभी पार्षद भी सकते में आ गए । उन्होंने ताबड़तोड़ आवेदन नगर परिषद को देकर जानकारी हासिल करना चाही कि इस मामले में कितनी सच्चाई है । लेकिन उन्हें आज तक जानकारी अप्राप्त है ।गौरतलब है कि जब 12 पार्षदों ने एक होकर इस तरह हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया है तो जग जाहिर होता है कि उन्हें भी अंधेरे में रखा गया है । नगर परिषद अधिकारि पार्षदो ओर पी आई सी मैम्बर को सच्चाई बताने में क्यों पीछे हट रहे है । अधिकतर पार्षदों को टेंशन है कि यह एक ही मामला है ऐसे और भी मामले तो नहीं है जिसकी उन्हें अभी तक जानकारी ही नहीं है ।

*वर्जन*
(1). हमारे द्वारा जब जांच की गई तो पाया गया कि 23 दुकानों की नक्शे के अनुसार टीएनसीपी की स्वीकृति दी गई है और मौके पर 28 दुकानों का निर्माण कार्य किया जा रहा था जब उन पांच दुकानों की जानकारी चाही गई तब मालूम पड़ा कि है लीज की जमीन पर बनाई जा रही है हमारे द्वारा 18 नवंबर 2019 को निर्माणाधीन दुकानों को रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया था ।
*एस डी एम अनुभा जैन*

(2) .लीज का मामला मेरे समय का नही है यह प्रकरण 2018 के तत्कालीन सी एम ओ के समय का है । नगर परिषद लीज पर ली हुई भूमि लीज पर दे सकती है या नही मूछे जानकारी नही है मूछे नगर परिषद का एक्ट देखना पड़ेगा । हुकुम पिता लछमण निवाशी मोहनपुर को मेरे द्वारा एस डी एम के कार्य रोकने के नोटिस के पूर्व ही नोटिश जारी कर दिया था कि लीज की जमीन पर बिना नगर परिषद की अनुमति के निर्माण कार्य नही कर सकते हो ।
*सी एम ओ संजय राठौड़*
Last Updated : Dec 17, 2019, 3:14 PM IST
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