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बुजुर्ग की मौत, 5 साल पहले ही कर दी थी मौत की भविष्यवाणी

खंडवा में एक बुजुर्ग की मौत हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि मृतक ने 5 साल पहले कहा था कि 15 अप्रैल को वो प्राण त्याग देंगे और उसी दिन उनकी मौत हुई है.

राजाराम पटेल की शवयात्रा पालकी में निकाली गई
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Published : Apr 16, 2019, 10:34 AM IST

खंडवा। सोमवार को टिगरिया गांव में 85 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम पटेल की मौत हो गई, लेकिन ये कोई साधारण मौत नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि 5 साल पहले ही राजाराम ने अपने मरने की भविष्यवाणी कर दी थी, जो सच हुई. लोगों ने कहा कि राजाराम ने 5 साल पहले कहा था कि उसकी मौत 15 अप्रैल को 2019 में हो जाएगी और ऐसा ही हुआ.

राजाराम पटेल की शवयात्रा पालकी में निकाली गई

ग्रामीणों की मानें तो राजाराम पटेल में माता आती थीं, इसलिए वो उन्हें बिजासनी माता कहकर बुलाते थे. लोगों का कहना है कि गांव में अगर कोई भी परेशानी आती थी तो राजामल पटेल अपने आशीर्वाद से सब ठीक कर देते थे. उनकी मौत के बाद पूरे गांव ने उनके घर पर पहुंचकर भजन-कीर्तन किया और पालकी में बैठाकर शव यात्रा निकाली.

लोगों को विश्वास है कि उन्होंने खुद प्राण त्यागे हैं, लेकिन इस मामले में साइंस प्रोफेसर किरण देवी डेविड ने कहा कि विज्ञान में ऐसा कोई संदर्भ नहीं मिलता है, जिसमें कोई व्यक्ति एक निश्चित समय या साल में अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी कर दे. संभव है कि उन्हें साइलेंट हार्टअटैक आया हो या फिर ये महज एक को-इंसीडेंस हो.

खंडवा। सोमवार को टिगरिया गांव में 85 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम पटेल की मौत हो गई, लेकिन ये कोई साधारण मौत नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि 5 साल पहले ही राजाराम ने अपने मरने की भविष्यवाणी कर दी थी, जो सच हुई. लोगों ने कहा कि राजाराम ने 5 साल पहले कहा था कि उसकी मौत 15 अप्रैल को 2019 में हो जाएगी और ऐसा ही हुआ.

राजाराम पटेल की शवयात्रा पालकी में निकाली गई

ग्रामीणों की मानें तो राजाराम पटेल में माता आती थीं, इसलिए वो उन्हें बिजासनी माता कहकर बुलाते थे. लोगों का कहना है कि गांव में अगर कोई भी परेशानी आती थी तो राजामल पटेल अपने आशीर्वाद से सब ठीक कर देते थे. उनकी मौत के बाद पूरे गांव ने उनके घर पर पहुंचकर भजन-कीर्तन किया और पालकी में बैठाकर शव यात्रा निकाली.

लोगों को विश्वास है कि उन्होंने खुद प्राण त्यागे हैं, लेकिन इस मामले में साइंस प्रोफेसर किरण देवी डेविड ने कहा कि विज्ञान में ऐसा कोई संदर्भ नहीं मिलता है, जिसमें कोई व्यक्ति एक निश्चित समय या साल में अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी कर दे. संभव है कि उन्हें साइलेंट हार्टअटैक आया हो या फिर ये महज एक को-इंसीडेंस हो.

Intro:खंडवा - खंडवा से 8 किलोमीटर दूर टिगरिया गाँव में आज 85 वर्ष के राजाराम पटेल ने 9 बजकर 9 मिनट पर अपने प्राण त्याग दिए। गाँववासियों के अनुसार उन्होंने पांच साल पहले ही आज की तारीख अपने प्राण त्यागने के लिए मुक़्क़र कर दी थी। गाँव और आसपास के क्षेत्र में लोग उन्हें माताजी (बिजासनी माता) के नाम से पुकारते थे। लोग अपनी समस्या दुख दर्द के समाधान के लिए उनके पास जाते थे और लोगों को अपनी समस्या से निजात मिलता था। लोगों का उन पर एक विश्वास था उन्हें पवित्र और चमत्कारिक आत्मा मानते थे। प्राण त्याग करने के बाद उन्होंने समाधि ले ली।


Body:खंडवा जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर टिगरिया गाँव हैं जहां एक 85 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम पटेल ने आज 9 बजकर 9 मिनट पर अपने प्राण त्याग दिए। यहां आश्चर्य करने वाली बात यह कि उन्होंने अपने प्राण त्यागने के बारे में 2014 में ही बता दिया था। अब इसे आस्था और विश्वास कहे या अंधविश्वास या संयोगमात्र। क्योंकि विज्ञान के मुताबिक पूर्व में ही अपनी मृत्यु का समय किसी व्यक्ति को पता चल जाना असंभव हैं। ग्रामवासी माता (बिजासनी माता) का रूप मानते थे। लोगों के दुख, दर्द और समस्या का निवारण होता था इसलिए लोग उन्हें एक सिद्ध पुरुष या कहे चमत्कारिक आत्मा के जैसा मानते थे। वही गाँव के लोगों का कहना हैं वे पवित्र आत्मा हैं 5 साल पहले ही उन्होंने बता दिया था 15 अप्रैल को वे अपने त्याग देंगे। और आज सुबह ठीक 9 बजकर 9 मिनट पर उन्हें अपने प्राण त्याग दिए। इस बारे में आसपास के गाँववासियों को पता था इसलिए एक दिन पहले रात से लोग आकर यहां भजन कीर्तन करने लगे थे। वे दैवीय आत्मा और साधक पुरुष थे। उन्होंने गाँव में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान किया। और उनका आशीर्वाद हमेशा गांव पर बना रहा हैं और आगे भी बना रहेगा। आज गाँव में एक उत्साह का माहौल हैं प्रसादी का वितरण किया जा रहा हैं।


Conclusion:इस मामले को लेकर जब हमने विज्ञान की प्रोफ़ेसर किरण देवी डेविड से बात की तो उनका साफ कहना था कि विज्ञान में ऐसा कोई संदर्भ नही मिलता हैं जिसमें कोई एक निश्चित समय या साल में अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी कर दे। उन्होंने इसे साइलेंट हार्ट अटैक या संयोग होने की संभावना जताई।
byte - जय पटेल, गांववासी
byte - कांति किरण डेविड, साईंस प्रॉफेसर
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