खंडवा। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग खंडवा जिले में मौजूद है. ओंकार पर्वत पर निराकार रूप में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं. ओंकारेश्वर मंदिर के चारों तरफ से नर्मदा नदी बहती है. उज्जैन और ओंकारेश्वर की दूरी इंदौर व खंडवा से कम होने से भी यहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है. सोमवार को सुबह ओंकारेश्वर भगवान के दर्शन के लिए दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लगी रही. देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे है. भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के मूलस्वरूप का फूल, मेवे और मिष्ठान से शृंगार कर मुकुट धारण पहनाया गया. श्रावण माह में ही इस तरह से शृंगार किया जाता है. भगवान को दूल्हे की तरह सजाया गया. इस मौके पर भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों व मिष्ठान्न का भोग लगाया गया.
नावों के संचालन पर रोक : इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खुले होने से घाट जलमग्न हैं. ऐसे में नाव संचालन पर रोक लगा दी गई है. नर्मदा नदी में उफान को देखते हुए भगवान को नौका विहार कराने में समिति के ही लोग ही शामिल रहेंगे. प्रतिबंध के कारण नावों को खड़ा कर दिया गया है. श्रद्धालुओं को नर्मदा स्नान पर रोक लगा दी गई है. तीर्थ नगरी में अधिकांश घाटों पर पानी आ गया है.
भगवान को पहनाते हैं चांदी का मुकुट : श्रावण माह में दूसरे सोमवार को भगवान का महाशृंगार होता है. यह साल में एक बार केवल इसी दिन किया जाता है. इस दिन भगवान को चांदी का मुकुट पहनाया जाएगा. दोपहर में भोग आरती के लिए एक बजे से करीब आधा घंटे दर्शन बंद रहे. इसके बाद रात 9:30 बजे तक दर्शन का सिलसिला चलता रहेगा. (Devotees gathered for darshan Omkareshwar) (Lord Omkareshwar in month of Shravan)