खंडवा। पोला पर्व पर बैलों को सजाने की परंपरा है. इस दिन बैलों को नहलाकर सजाया जाता है. इसके बाद उन्हें हनुमानजी के मंदिर ले जाने के बाद घर लाकर पूजा की जाती है. साथ ही गांव में घुमाया जाता है. कुछ इसी तरह की तैयारी में लगे आदिवासी बालक के परिवार की खुशियों को ग्रहण लग गया. पोला पर्व को लेकर सुबह से 12 वर्षीय नवल पिता बालाराम की खुशी का ठिकाना नहीं था. उसने घर पर कहा कि वह बैलों को तालाब पर नहलाकर लाता हैं.
बालक के दोस्त मदद के लिए चिल्लाए : इसके बाद बालक बैलों को लेकर गांव के बाहर स्थित तालाब पर आ गया. यहां बैलों को नहलाते समय वह गहरे पानी में चला गया. उसे डूबता देख दोस्तों ने मदद के लिए गुहार लगाई. साथ ही नवल भी मदद के लिए पुकारता रहा. इसके बाद उसके साथी गांव पहुंचे और घटना की जानकारी दी. इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण तालाब पर पहुंचे.
Ujjain LIVE Video : शिप्रा नदी में डूबने से युवक की मौत! देखिए डूबती जिंदगी का खौफनाफ मंजर
नहीं मिली एंबुलेंस : लोग उसे तालाब से निकालकर खारकला अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन यहां डॉक्टर नहीं था. इसके बाद ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस को भी फोन लगाया लेकिन वह भी नहीं मिल सकी. इसके बाद वे अपने निजी वाहन से उसे खंडवा ले आए. यहां जिला अस्पताल में बालक ने दम तोड़ दिया.