खंडवा। बॉलीवुड के हरफनमौला कलाकार, मशहूर गायक किशोर कुमार का आज 91वां जन्मदिन है. 4 अगस्त 1929 को खंडवा शहर में जन्में किशोद दा की सुरीली आवाज के लाखों दीवाने हैं. आवाज का जादू बिखेरने वाले किशोर कुमार को उनके जन्मदिन पर उनके चहेते याद कर रहे हैं.
संगीत का जादूगर कहे जाने वाले किशोर कुमार का खंडवा से विशेष लगाव रहा है. वह हमेशा खंडवा को अपनी यादों में बसाए रखते थे मौत के बाद किशोर दा की अंतिम इच्छा के अनुरूप उनका दाह संस्कार खंडवा में किया गया और यहीं पर उनकी समाधि बनाई गई. जहां हर साल उनकी जन्म जयंती पर किशोर दा के प्रदेश और देश से हजारों की संख्या में प्रशंसक आते थे, और किशोर दा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं. जिसका असर हर साल होने वाले किशोर जयंती के कार्यक्रम पर भी पड़ा है.
दूध-जलेबी का भोग लगाकर दी श्रद्धांजलि
हर साल जहां एक ओर किशोर दा के जन्मदिन पर उनकी समाधि पर देश और प्रदेश से हजारों की संख्या में उनके फैंस आते थे, और किशोर दा के नगमे गुनगुनाते थे, उन्हें दूध और जलेबी का भोग लगाया करते थे, लेकिन इस बार बहुत कम संख्या में किशोर दा के फैंस पहुंचे हैं. जो मशहूर गायक का जन्मदिन बेहद सादगी पूर्वक मना रहे हैं . इस मौके पर समाधि स्थल पहुंचे किशोर कुमार के प्रशंसकों ने कहा कि हम हर पिछले कई बार से यहां आ रहे हैं लेकिन इस बार वो बात नहीं हैं. उस तरह का कार्यक्रम नहीं हो रहा है.
लाखों दिलों में जिंदा है किशोर की आवाज
किशोर कुमार को आने वाली पीढ़ी का सिंगर कहा जाते थे, जोकि काफी हद तक सही भी है. किशोर कुमार के गाने हर पीढ़ी को खूब भाते हैं, उनके गानों को लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता है. वह केवल एक बेहरीन अभिनेता ही नहीं बल्कि संगीतकार, लेखक और निर्माता भी थे, लेकिन उनको गायक के तौर पर ज्यादा याद किया जाता है. वह अपने दौर के सबसे मोटी फीस लेने वाले सिंगर थे. अपने फिल्मी करियर में किशोर कुमार ने लगभग 1500 से अधिक गाने गाये हैं.
वो किशोर दा के गाने...
किशोर कुमार के गाये गानों की दीवानगी युवाओं के सिर चढ़कर बोलती है. 'ये रातें ये मौसम नदी का किनारा.., 'तुझ संग प्रीत लगाई सजना..' मेरे महबूब कमायत होगी..' ऐसे कई गाने लोग को मदहोश कर देते हैं, 'ये वादा रहा, हम न होंगे जुदा..' ऐसे तमाम गाने हैं जो हर पीढ़ी को पसंद हैं.