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भारतीय किसान संघ की मांग, 'किसानों को सालभर प्याज का उचित मूल्य दिया जाए'

खंडवा में भारतीय किसान संघ ने प्याज के बढ़े हुए भाव को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना देकर अपना आक्रोश जताया है.

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Published : Dec 10, 2019, 8:59 PM IST

Bharatiya Kisan Sangh protested against increased prices of onion
प्याज के बढ़े भावों को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन

खंडवा। देश में प्याज के भाव आसमान पर है. सभी जगह अच्छी प्याज 100-150 रूपए किलो बिक रही हैं. वहीं प्याज के बढ़े हुए भावों को लेकर भारतीय किसान संघ ने विरोध किया हैं. किसान संघ का कहना है कि किसान देश के लिए भरपूर प्याज उगाता हैं. लेकिन सामान्य दिनों में किसान को प्याज का भाव ही नहीं मिलता है. जबकि अतिवृष्टि की वजह से प्याज के भाव बढ़े हुए है तो राजनेता प्याज के नाम से रो रहे है.

प्याज के बढ़े भावों को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन

भारतीय किसान संघ ने जिला मुख्यालय पर धरना देकर अपना आक्रोश जताया गया. किसान संघ ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

दरअसल किसान संघ का कहना कि देश का किसान अपना पेट काटकर लोगों के लिए प्याज और अनाज का उत्पादन करता हैं. उनका आरोप है कि राजनेता अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्याज के बढ़े भावों पर रोना रो रहे हैं. जबकि किसान को सालभर तक प्याज का उचित भाव नहीं मिलता है और इसकी वजह सरकार की गलत नीतियां हैं. नौबत यहां तक आ जाती हैं कि किसान अपना प्याज सड़कों पर फेंक देते हैं. जिससे किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता हैं.

खंडवा। देश में प्याज के भाव आसमान पर है. सभी जगह अच्छी प्याज 100-150 रूपए किलो बिक रही हैं. वहीं प्याज के बढ़े हुए भावों को लेकर भारतीय किसान संघ ने विरोध किया हैं. किसान संघ का कहना है कि किसान देश के लिए भरपूर प्याज उगाता हैं. लेकिन सामान्य दिनों में किसान को प्याज का भाव ही नहीं मिलता है. जबकि अतिवृष्टि की वजह से प्याज के भाव बढ़े हुए है तो राजनेता प्याज के नाम से रो रहे है.

प्याज के बढ़े भावों को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन

भारतीय किसान संघ ने जिला मुख्यालय पर धरना देकर अपना आक्रोश जताया गया. किसान संघ ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

दरअसल किसान संघ का कहना कि देश का किसान अपना पेट काटकर लोगों के लिए प्याज और अनाज का उत्पादन करता हैं. उनका आरोप है कि राजनेता अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्याज के बढ़े भावों पर रोना रो रहे हैं. जबकि किसान को सालभर तक प्याज का उचित भाव नहीं मिलता है और इसकी वजह सरकार की गलत नीतियां हैं. नौबत यहां तक आ जाती हैं कि किसान अपना प्याज सड़कों पर फेंक देते हैं. जिससे किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता हैं.

Intro:खंडवा - देश में प्याज को लेकर मारामारी की स्थिति बन चुकी हैं. सभी जगह अच्छी प्याज 100-150 तो निम्न क्वालिटी की प्याज 40-60 रूपए किलो बिक रही हैं. वहीं प्याज के बढ़े हुए भावों पर मची हाहाकार का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया हैं. किसान संघ का कहना है कि किसान प्याज देश के लिए भरपूर प्याज उगाता हैं. लेकिन किसानों की स्थिति में वर्षों से कोई सुधार नही आया हैं. सामान्य दिनों में किसान को प्याज का भाव ही नहीं मिलता हैं जबकि अब अतिवृष्टि से प्याज की फसल बर्बाद हुई हैं और उससे प्याज के भाव बढ़े हैं तो राजनेता लोग प्याज के नाम रोना रो रहे हैं


Body:जिले सहित पूरे देश और प्रदेश में पिछले कई दिनों से प्याज के भाव बढ़े हुए हैं. लगातार प्याज 100-150 रूपए प्रति किलो बिक रहा हैं. वहीं निम्न क्वालिटी का प्याज भी 40-6 रूपए प्रति किलो बिक रहा हैं. ऐसे में आम आदमी प्याज की मार को झेल रहा हैं. वहीं प्याज के दामों पर मची हाहाकर से भारतीय किसान संघ आक्रोशित हैं. भारतीय किसान संघ द्वारा जिला मुख्यालय पर धरना देकर अपना आक्रोश जताया गया. किसान संघ ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. दरअसल किसान संघ का कहना कि देश का किसान अपना पेट काटकर लोगों के लिए प्याज और अनाज का उत्पादन करता हैं. किसान संघ का आरोप हैं कि राजनेता अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्याज के बढ़े भावों पर रोना रो रहे हैं. जबकि किसान को सालभर तक प्याज का उचित भाव नही मिलता हैं और इसकी वजह सरकार की गलत नीतियां हैं. नौबत यहां तक आ जाती हैं कि किसान अपना प्याज सड़को पर फेंक देते हैं. क्योंकि किसानो को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नही मिल पाता हैं.
byte - जय पटेल , किसान
byte - सुभाष पटेल, भारतीय किसान संघ


Conclusion:किसान संघ ने यह मांग कि सरकार को जिला स्तर पर किसानों के लिए प्याज के संरक्षण के वेयरहाउस बनाना चाहिए.ताकि बिचौलियों इसका फायदा नहीं उठा सके. वर्तमान समय में किसान को 60 रूपए प्रति किलो का भाव मिल रहा हैं लेकिन बिचौलियों के कारण आम आदमी को 100 और 150 रूपए में प्याज मिल रहा हैं.
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