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इस शादी के आप हो जाएंगे दीवाने...घोड़ी पर सवार दुल्हनें, सामाजिक संदेशों से भरपूर आयोजन

घोड़ी पे होके सवार चला है दूल्हा यार.... ये गाना आप ने अक्सर बारातों में सुना होगा. लेकिन यहां बारात भी है तलवार भी लेकिन दूल्हे की जगह दुल्हन घोड़ी पर सवार है. खंडवा में दो बहनों की बारात निकाली गई. शादी का पूरा आयोजन ही सामाजिक संदेशों से भरा हुआ था.

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Published : Jan 23, 2020, 11:38 PM IST

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घोड़ी पर सवार दुल्हनें

खंडवा। सर पर साफा.. हाथ में झांसी की रानी की तरह तलवार लहराती ये खंडवा की रहने वाली दो बहनें साक्षी और सृष्टि हैं. दोनों दुल्हनें घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे वालों के यहां बारात लेकर पहुंची हैं. ज्यादातर समाज में लड़कों की ही बारात घोड़ी पर सवार हो कर गाजे-बाजे नाचते-झूमते देखी जाती हैं, लेकिन पाटीदार समाज में लड़कियों की बारात भी धूमधाम से निकाली जाती है.

घोड़ी पर सवार दुल्हनें

पाटीदार समाज की बरसों पुरानी परम्परा

पाटीदार समाज की ये परम्परा बरसों पुरानी है, जो आज भी निभाई जाती है. साक्षी और सृष्टि की बारात भी बड़ी धूम धाम से निकली. जिसमे बैंड बाजा के साथ नाचते झूमते बाराती दिखे. इस शादी की खास बात ये भी रही कि शादी में जो निमंत्रण पत्र बांटा गया था उसमे पेपर का इस्तेमाल नही किया गया. पेपर बचाने के लिए निमंत्रण पत्र रुमाल पर प्रिंट कराया गया. वहीं पर्यावरण का संदेश देने के उद्देश्य से बांटे गए इस निमंत्रण पत्र को लेकर भी शादी काफी चर्चाओं में है .

रुमाल पर छपे निमंत्रण पत्र बांटे

वहीं दुल्हन के परिजन बताते हैं कि उन्होंने अपने मेहमानों को बुलाने के लिए जो निमंत्रण पत्र बांटे थे. वो रुमाल पर छपे हैं. जिससे पेपर भी बचेगा और कचरा भी नहीं फैलेगा. इतना ही नहीं रुमाल धुलाई के बाद इतेमाल में भी लिया जा सकता हैं.

कार्ड में स्वस्छता का संदेश

वहीं साक्षी के दूल्हे ने भी आधार कार्ड को बढ़ावा देने के लिए आधार कार्ड की तरह कार्ड छपवाया है. कार्ड के पीछे स्वच्छता का संदेश देते हुए स्वच्छ भारत का लोगो और बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश भी लिखें गए.

हाथ में तलवार लिए सिर पर साफा बांध घोड़ी पर सवार साक्षी और सृष्टि भी किसी रानी से कम नही लग रही हैं. शासन भले ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हो, लेकिन पाटीदार समाज में बरसों पहले से लड़कियों को लड़कों के बराबर दर्जा दिया जाता रहा है.

खंडवा। सर पर साफा.. हाथ में झांसी की रानी की तरह तलवार लहराती ये खंडवा की रहने वाली दो बहनें साक्षी और सृष्टि हैं. दोनों दुल्हनें घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे वालों के यहां बारात लेकर पहुंची हैं. ज्यादातर समाज में लड़कों की ही बारात घोड़ी पर सवार हो कर गाजे-बाजे नाचते-झूमते देखी जाती हैं, लेकिन पाटीदार समाज में लड़कियों की बारात भी धूमधाम से निकाली जाती है.

घोड़ी पर सवार दुल्हनें

पाटीदार समाज की बरसों पुरानी परम्परा

पाटीदार समाज की ये परम्परा बरसों पुरानी है, जो आज भी निभाई जाती है. साक्षी और सृष्टि की बारात भी बड़ी धूम धाम से निकली. जिसमे बैंड बाजा के साथ नाचते झूमते बाराती दिखे. इस शादी की खास बात ये भी रही कि शादी में जो निमंत्रण पत्र बांटा गया था उसमे पेपर का इस्तेमाल नही किया गया. पेपर बचाने के लिए निमंत्रण पत्र रुमाल पर प्रिंट कराया गया. वहीं पर्यावरण का संदेश देने के उद्देश्य से बांटे गए इस निमंत्रण पत्र को लेकर भी शादी काफी चर्चाओं में है .

रुमाल पर छपे निमंत्रण पत्र बांटे

वहीं दुल्हन के परिजन बताते हैं कि उन्होंने अपने मेहमानों को बुलाने के लिए जो निमंत्रण पत्र बांटे थे. वो रुमाल पर छपे हैं. जिससे पेपर भी बचेगा और कचरा भी नहीं फैलेगा. इतना ही नहीं रुमाल धुलाई के बाद इतेमाल में भी लिया जा सकता हैं.

कार्ड में स्वस्छता का संदेश

वहीं साक्षी के दूल्हे ने भी आधार कार्ड को बढ़ावा देने के लिए आधार कार्ड की तरह कार्ड छपवाया है. कार्ड के पीछे स्वच्छता का संदेश देते हुए स्वच्छ भारत का लोगो और बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश भी लिखें गए.

हाथ में तलवार लिए सिर पर साफा बांध घोड़ी पर सवार साक्षी और सृष्टि भी किसी रानी से कम नही लग रही हैं. शासन भले ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हो, लेकिन पाटीदार समाज में बरसों पहले से लड़कियों को लड़कों के बराबर दर्जा दिया जाता रहा है.

Intro:खंडवा। घोड़ी पे होके सवार चला हैं दूल्हा यार.... ये गाना आप ने अक्सर बारातों में सुना होगा। पर यहाँ बारात भी हैं तलवार भी लेकिन दूल्हे की जगह दुल्हन घोड़ी पर सवार हैं। जब इस तरह खंडवा में दो बहनों की बारात निकली तो सारे लोग इन दुल्हनों को देख दंग रह गए। ये दुल्हने न सिर्फ घोड़ी पर सवार होकर अपनी बारात दूल्हे के घर ले गई बल्कि इनकी शादी का पूरा आयोजन ही सामाजिक संदेशों से भरा रहा। दुल्हन के परिवार ने पर्यावरण को बचाने और स्वछता रखने के लिए रुमाल पर आमंत्रण पत्र छपवाया तो दूल्हे ने भी आधार कार्ड की तरह आमंत्रण पत्र छपवा कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ो का सन्देश दिया।



Body:सर पर साफा.... हाथ में झाँसी की रानी की तरह तलवार लहराती ये खंडवा की रहने वाली दो बहनें साक्षी और सृष्टि हैं। दोनों दुल्हन बन घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे वालों के यहां बारात लेकर पहुंची हैं। ज्यादातर समाज में लड़को की ही बारात घोड़ी पर सवार हो कर गाजे बाजे नाचते झूमते देख थे है । लेकिन पाटीदार समाज में लड़कियो की बारात भी धूमधाम से निकाली जाती हैं। पाटीदार समाज की ये परम्परा बरसो पुरानी है जो आज भी निभाई जाती है। साक्षी और सृष्टि की बारात भी बड़ी धूम धाम से निकली जिसमे बैंड बाजा के साथ नाचते झूमते दिखे बाराती । हाथ में तलवार लिए सिर पर साफा बांध घोड़ी पर सवार साक्षी और सृष्टि भी किसी रानी से कम नही लग रही । शासन भले ही महिलाओ को सशक्त बनाने के लिए कई तरह की योजनाए चला रही है पर पाटीदार समाज में बरसो पहले से लड़कियो को भी लड़को के बराबर दर्जा दिया जाता है।

Byte - साक्षी पाटीदार, दुल्हन

इस शादी की खास बात यह भी रही कि शादी में जो निमंत्रण पत्र बांटा गया था उसमे पेपर का इस्तेमाल नही किया गया पेपर बचाने के के लिए निमंत्रण पत्र रुमाल पर प्रिंट कराया गया पर्यावरण का संदेश देने के उद्देश्य से बांटे गए इस निमंत्रण पत्र को लेकर भी या शादी काफी चर्चाओं में है परिजन बताते हैं कि किस तरह से उन्होंने अपने मेहमानों को बुलाने के लिए जो निमंत्रण पत्र बांटे थे। उस से पेपर भी बचेगा और कचरा भी नहीं फैले गए इतना ही नहीं रुमाल धुलाई के बाद इतेमाल में भी लिया जा सकता हैं।

Byte - कैलाश पाटीदार, दुल्हन के पिता

Conclusion:इधर साक्षी के दूल्हे ने भी आधार कार्ड को बढ़ावा देने के लिए आधार कार्ड की तरह कार्ड छपवाया। कार्ड के पीछे स्वछता का संदेश देते हुए स्वच्छ भारत का लोगों और बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश भी लिखें

Byte - आनंद पाटीदार, दूल्हा
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