कटनी। कोरोना संक्रमण के चलते जिले में 30 अप्रैल तक कलेक्टर ने कोरोना कर्फ्यू लगाया है. जिसमें सभी प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है.रैली जुलूस सहित धार्मिक आयोजन पर लगे प्रतिबंध के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में सरकार के निर्देशों का असर देखने को नहीं मिला रहा है. नवरात्र पर्व के समापन पर ग्रामीण क्षेत्रों में कर्फ्यू व गाइडलाइन को दर किनार कर लोगों ने बीमारी की परवाह किए बिना जवारों के जुलूस निकाले और गाजे-बाजे के साथ उनका विसर्जन किया.
कोरोना गाइडलाइन की जमकर उड़ी धज्जियां
बता दें कि, ढोल नगाड़े के साथ दशहरे के जुलूस का यह नजारा मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा के खेरवा दीघी ग्राम सहित अन्य इलाकों का है. जहां लोग त्यौहार की मस्ती में इतने मसहुल है कि उन्हें इस बात की जरा भी फिक्र नहीं है की जिले में हर रोज दर्जनों लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मौत हो रही हैं. आप खुद देखिए इन तस्वीरों को जो बेहद डरावनी हैं. इन तस्वीरों में बेफिक्र होकर लोग झूमते नाचते सड़कों पर चल रहे हैं. साथ ही पारंपरिक तरीके से होने वाला जुलूस की अगवाई भी काली माता के रूप में की जा रही है. इससे अलग एक और तस्वीर भी हम आपको दिखाते हैं जो नदी के घाटों की है जहां पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी नहीं समझा.
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प्रशासन को नहीं कोई जानकारी
खास बात यह है कि जिस तरह से कोरोना वायरस संक्रमण का मामले निकलकर आ रहे हैं, उससे कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले वक्त में यह आंकड़ा बढ़ सकता है. जिसे संभालना प्रशासन के लिए बेहद कठिन काम होगा, लेकिन इन तमाम चीजों के बीच सवालिया निशान यह लग रहा है कि जिस वक्त जुलूस निकाला जा रहा था, उस वक्त प्रशासन और पुलिस का अमला कहां था. क्या उसे जानकारी नहीं थी इस तरह के त्यौहार में इतनी बड़े जलसा की अगुवाई की जाती है. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा पूरे जिले के लोगों को भुगतना पड़ सकता है.